बीजेपी और कांग्रेस के बीच अब राष्ट्रवाद को लेकर नई जंग

बीजेपी शहरी नक्सलियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही, कांग्रेस ने सेना में डेढ़ लाख पदों की कटौती को लेकर बीजेपी के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाया

बीजेपी और कांग्रेस के बीच अब राष्ट्रवाद को लेकर नई जंग

हिंदुत्व के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस में राष्ट्रवाद को लेकर नई जंग छिड़ गई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लगातार तथाकथित शहरी नक्सलियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं तो वहीं कांग्रेस सेना में डेढ़ लाख पदों की कटौती को लेकर बीजेपी के राष्ट्रवाद पर सवाल उठा रही है.

ये जंग अब ज़्यादा तीखी हुई है क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हाल ही में कैलास मानसरोवर यात्रा से लौटे हैं. इस यात्रा से यह संदेश गया कि कांग्रेस नर्म हिंदुत्व की ओर बढ़ रही है और यह बीजेपी के हिंदुत्व की काट है. उनकी यात्रा से बीजेपी बेचैन दिखी. पार्टी नेता पूछते रहे कि वे वाकई यात्रा पर गए भी या नहीं. इसके बाद कांग्रेस ने राहुल के अन्य तीर्थयात्रियों के साथ फोटोग्राफ जारी किए.

इस बीच, बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अमित शाह ने शहरी नक्सलियों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कांग्रेस पर देश को तोड़ने वाली ताकतों का साथ देने का आरोप लगाया. अमित शाह ने कहा कि जहां बीजेपी मेकिंग इंडिया की बात करती है वहीं कांग्रेस ब्रेकिंग इंडिया की बात कर रही है. यह बीजेपी की राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाने की कोशिश थी. शाह यही नहीं रुके. उन्होंने असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने जोर देकर कहा कि एक भी नया घुसपैठिया नहीं आने दिया जाएगा और जो भी घुसपैठिया पाया जाएगा उसे वापस भेज दिया जाएगा. नागरिकता के मुद्दे पर उन्होंने दूसरा राग भी छेड़ा. उन्होंने राष्ट्रीय नागरिकता कानून में संशोधन का मुद्दा उठाया और कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को छोड़ बाकी सभी धर्मों जैसे हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी के अनुयाइयों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.

राष्ट्रवाद के मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस पर तब तीखा हमला बोला जब उन्होंने भीमा कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में माओवादियों से रिश्ते रखने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों का मुद्दा उठाया. उन्होंने इसे शहरी नक्सलियों के मुद्दे से जोड़ा और कांग्रेस से पूछा कि वो ऐसे लोगों का बचाव क्यों कर रही है. राजस्थान चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में जयपुर पहुंचे शाह ने वहां भी इस मुद्दे पर जोर दिया.

दरअसल यह बीजेपी की बड़ी रणनीति का हिस्सा है. बीजेपी राष्ट्रवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करना चाहती है. पार्टी ने राहुल गांधी के खिलाफ यह मुहिम जेएनयू की घटनाओं के समय से ही शुरू कर दी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता जिनमें वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल हैं, कांग्रेस पर कथित तौर पर देश के टुकड़े करने के मंसूबे बनाने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग का साथ देने का आरोप लगाते रहे हैं. एनआरसी का मुद्दा हो या फिर सर्जिकल स्ट्राइक का. बीजेपी ऐसे हर मुद्दे पर कांग्रेस को घेरे में लेती है जिस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया शुरुआती उलझन का शिकार दिखती है. यही वजह है कि बीजेपी इन्हें राष्ट्रवाद से जोड़ कर कांग्रेस पर निशाना साधती है.

उधर, कांग्रेस कहती आई है कि इससे अधिक हास्यास्पद बात कोई नहीं हो सकती कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के देशभक्ति पर सवाल उठाया जाए. कांग्रेस यह भी पूछती है कि किसी को देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने वाली आखिर बीजेपी कौन होती है. कांग्रेस यह भी पूछ रही है कि राष्ट्रवाद पर भाषण देने वाली बीजेपी की सरकार आखिर सेना में डेढ़ लाख लोगों की नौकरी लेने पर क्यों उतारू है.

कांग्रेस यही नहीं रुकी. कांग्रेस ने सरकार के मंसूबों पर भी सवाल उठाया. कांग्रेस ने पूछा कि तेल पर अंधाधुंध टैक्स लगाकर जो कमाई की जा रही है उसका इस्तेमाल प्रचार में किया जा रहा है. तो फिर सैनिकों को तनख्वाह क्यों नहीं दे सकते? सिंघवी ने पूछा कि आपने इतना टैक्स वसूल कर लिया. क्या उससे सैनिकों की तनख्वाह नहीं दे सकते. प्रचार पर भारी भरकम खर्च कर रहे हैं. 1100 करोड़ बीजेपी मुख्यालय पर. दो हजार करोड़ विदेश यात्राओं पर. क्या उससे नहीं दे सकते?

इससे पहले राहुल गांधी डोकलाम का मुद्दा उठा चुके हैं. उन्होंने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था. एक बार फिर से ITBP सूत्रों के हवाले से उत्तराखंड में चीनी घुसपैठ की ख़बर है. बताया जा रहा है कि चीन में अगस्त के महीने में तीन बार 6 अगस्त, 14 अगस्त और 15 अगस्त को उत्तराखंड के बाराहोती के रिमखिम पोस्ट के नज़दीक चीनी सैनिक और नागरिक भारतीय सीमा में घुस आए थे.

कांग्रेस चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाकर बीजेपी के राष्ट्रवाद पर सवालिया निशाना लगा रही है. कांग्रेस के मुताबिक सरकार कहती है सब कुछ नियंत्रण में है तो बताएं कि ये कैसे हो रहा है. सरकार कुछ कहती नहीं है. कहीं कुछ छुपाता है तो झुठलाने की कोशिश करते हैं. हमें कहते हैं कि मानसरोवर चीनियों से दोस्तों करने गए पर  सवालों के जवाब नहीं आते.

गौरतलब है कि बीजेपी ने राहुल गांधी की कैलास मानसरोवर यात्रा पर यह कहते हुए भी हमला बोला था कि वहां जाते समय उनसे मिलने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर उनसे मिलने के लिए भारत में चीनी राजदूत ने मिलने के लिए विदेश मंत्रालय से इंतजाम करने को क्यों कहा था. बीजेपी राहुल के तथाकथित चीनी प्रेम को लेकर सवाल उठा चुकी है. यही वजह है कि अब चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठा कर कांग्रेस बीजेपी को उल्टे कठघरे में खड़ा कर रही है. यह दिलचस्प है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच कट्टर और नर्म हिंदुत्व को लेकर चली रस्सा कशी अब राष्ट्रवाद के मुद्दे पर आती दिख रही है. ऐसे में मान कर चलिए कि 2019 आते-आते यह बहस और तीखी होती जाएगी.


(अखिलेश शर्मा NDTV इंडिया के राजनीतिक संपादक हैं)

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