इस हफ्ते की पीएम उम्मीदवार- ममता बनर्जी

विपक्ष की दिक्कत यह है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हर हफ्ते पीएम के उम्मीदवार बदलते जा रहे हैं

इस हफ्ते की पीएम उम्मीदवार- ममता बनर्जी

वैसे तो ममता बनर्जी बहुत पहले ही पीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर चुकी थीं लेकिन इसकी विधिवत शुरुआत उन्होंने शनिवार को की. कोलकाता के परेड मैदान में एक बड़ी रैली कर उन्होंने अपनी ताकत दिखाई. उन्होंने यह भी दिखाया कि उनके बुलावे पर विपक्ष के वे तमाम नेता एक मंच पर आ सकते हैं जो त्रिशंकु संसद में सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. ममता के मंच पर करीब एक दर्जन पार्टियां जुटीं. कांग्रेस और बीएसपी के नुमाइंदे भी आए लेकिन सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मायावती दूर रहे.

ऐसी कई पार्टियां हैं जो ममता के मंच से दूर रहीं. तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता के चंद्रशेखर राव, वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी, बीजू जनता दल के नवीन पटनायक के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल, लेफ्ट पार्टियां दूर रहीं.

विपक्ष की दिक्कत यह है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हर हफ्ते पीएम के उम्मीदवार बदलते जा रहे हैं. अगर पिछले से पिछला हफ्ता मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन के चलते मायावती की उम्मीदवारी की चर्चा गरम कर रहा था तो पिछला हफ्ता ममता बनर्जी की दावेदारी को. इस हफ्ते पीएम उम्मीदवार कौन होगा, इसका इंतजार करना होगा. दिलचस्प यह भी है कि ममता के मंच पर जुटे लोग पीएम के दावेदार को लेकर चर्चा करने से बचते नजर आए. खुद ममता बनर्जी भी.

बंगाल को लेकर बीजेपी भी पूरा जोर लगा रही है. आठ फरवरी से पहले बीजेपी राज्य भर में बड़े नेताओं की 35 से भी ज्यादा रैलियां करेगी. इनमें पीएम की तीन बड़ी रैलियों की योजना है. उनकी पहली रैली 28 जनवरी को सिलीगुड़ी में होगी. अगली 31 जनवरी को चौबीस परगना के ठाकुरनगर में. आठ फरवरी को वे आसनसोल में रैली करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 22 जनवरी को मालदा और 23 जनवरी को झारग्राम में रहेंगे. नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी की भी रैलियां होंगी. अमित शाह के हैलीकॉप्टर को मालदा में लैंडिग की अनुमति न देने पर विवाद खड़ा हुआ है. अब इसे एक प्राइवेट हैलीपैड पर उतारा जाएगा. वैसे बीजेपी की कोशिश कोलकाता के उसी परेड ग्राउंड पर एक बड़ी रैली आयोजित करने की है जहां शनिवार को ममता बनर्जी की रैली हुई थी ताकि लोग तुलना कर सकें कि किसे ज्यादा समर्थन मिला.

ममता की रैली पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी निशाना साधा है. उन्होंने 2019 के चुनाव को मोदी बनाम अफरा-तफरी बताया. उन्होंने एक ब्लॉग में कहा कि इस रैली में नकारात्मकता हावी थी. पीएम पद के अन्य दावेदार राहुल गांधी, मायावती, के चंद्रशेखर राव इसमें नहीं पहुंचे. मंच पर दो तिहाई वे लोग थे जो बीजेपी के साथ काम कर चुके हैं. कुछ अस्सी पार के नेता भी थे जो अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं.

साफ है कि बीजेपी के मिशन 2019 में दो बड़ी चुनौतियां फिलहाल साफ दिख रही हैं. एक उत्तर प्रदेश है तो दूसरी बंगाल. बीजेपी दोनों जगहों पर पूरी ताकत लगा रही है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी 20 से भी ज्यादा लोकसभा सीटें जीतेगी. बीजेपी तृणमूल कांग्रेस को तोड़ने में भी अपनी ताकत लगा रही है. उधर, पिछले चुनाव में 42 में से 34 सीटें जीत चुकीं ममता बनर्जी का लक्ष्य सभी सीटें जीतने का है ताकि वे प्रधानमंत्री पद की अपनी दावेदारी मजबूत कर सकें.

 

(अखिलेश शर्मा NDTV इंडिया के राजनीतिक संपादक हैं)

 

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