फादर्स डे पर एक पिता को उसके बेटे का लिखा लेटर, पढ़कर इमोशनल हो जाएंगे आप

डैड, आप जब हमें छोड़कर गए तब मैं टीन एज में था और मुझे रातो-रात एक यंग आदमी बनना पड़ा. मेरे ऊपर एकाएक पूरे परिवार कीजिम्मेदारी आ गई और मुझे ये सब संभालना पड़ा. क्योंकि मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था.

फादर्स डे पर एक पिता को उसके बेटे का लिखा लेटर, पढ़कर इमोशनल हो जाएंगे आप

डैड...

मैं अक्सर सोचता हूं कि आप मुझे छोड़कर क्यों चले गए! आप साथ क्यों नहीं हैं... मैं सोचता हूं कि आज अगर आप मेरे साथ होते, तो मुझे मेरीगलती पर डांटते, गाइड करते और वह बात बोलते जिसे सुनने के लिए मैं अब तरस जाता हूं... हां डैड, अगर आप मेरे साथ होते, तो मुझे टूटनेनहीं देते, मुझे हर पल याद आते हैं आपकी वो शब्द... आप मुझमें एक नई जान एक नई ताकत भर देते थे जब भी आप कहते थे- 'ड़रो नहीं,सबकुछ ठीक हो जाएगा'. ऐसा नहीं है कि आज कोई मुझे यह शब्द नहीं कहता. पर डैड... आपके मुंह से इन शब्दों को असर ही कुछ और था...

डैड, आपकी दी एक चीज मैं बहुत मिस करता हूं, वह बेफिक्री वाली जिंदगी जो आपने मुझे दी थी, जाने अब कहां चली गई... मैं उसे बहुतमिस करता हूं... मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं, आपका वो बेटा जिसे आपने जिंदादिली से, आजादी से जीना सिखाया था, अब औरजिम्मेदारी को नहीं ले सकता. मैं सिर्फ 22 साल का हूं और मुझे पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंभी अपनी लाइफ जीना चाहता हूं... 

जब मेरे दोस्त नाइट पार्टी कर रहे होते हैं तो मुझे घर वापस जाना पड़ता है, क्योंकि मेरे ऊपर मेरे परिवार की जिम्मेदारी है. पापा, मैं अब येजिम्मेदारी नहीं उठाना चाहता, मैं चाहता हूं कि आप वापस आएं और अपनी जिम्मेदारी को संभालें, ताकि मैं अपनी लाइफ इन्जॉय कर सकूं. डैड, मुझे लग रहा है कि आप मेरी बात को समझेंगे कि मेरी लाइफ के ये दिन कभी वापस नहीं आ सकते... मैं यह नहीं कहता कि काम की येजिम्मेदारियां मैं निभाना नहीं चाहता या ये मुझे बोझ लगती हैं, लेकिन आपके न होने पर हर काम मुझे अकेलेपन का अहसास कराता है... 

डैड, आप जब हमें छोड़कर गए तब मैं टीन एज में था और मुझे रातो-रात एक यंग आदमी बनना पड़ा. मेरे ऊपर एकाएक पूरे परिवार कीजिम्मेदारी आ गई और मुझे ये सब संभालना पड़ा. क्योंकि मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था. ना जाने कितने लेटर मैंने आपको लिखे, कि आपअपना मन बदल दें और वापस आ जाएं. लेकिन दुनिया में कोई ऐसा पोस्ट बॉक्स नहीं है, जिससे इस लेटर को मैं आप तक पहुंचा सकूं, लेकिनमुझे पता है कि मेरी बातों को आप तक पहुंचाने के लिए किसी लेटर की जरूरत नहीं है. आप मुझे देखकर ही मेरी बातों को समझते हैं.



मैं आज बहुत दुखी हूं कि मेरे पास ऐसा कोई नहीं है, जिससे मैं अपनी फीलिंग को शेयर कर सकूं. मैं आपसे किसी तरह की शिकायत नहीं कररहा, लेकिन आपको ये बताना चाहता हूं कि मेरे पास वो इंसान नहीं है, जो मुझे बोले कि तुम अपनी लाइफ के इस फेज को इन्जॉय करो. ट्रस्टमी डैड, आई एम वेरी गुड ब्वॉय! आई एम वेरी गुड हुमैन टूडे! लेकिन डैड आपको ये जिम्मेदारियां मुझे एक आदमी की तरह फील कराती हैं, जोआपकी छाया हो. डैड, मैं हमेशा से आपकी तरह ही बनना चाहता था, लेकिन कभी भी आपको रिप्लेस नहीं करना चाहता था. 

हैप्पी फादर्स डे डैड
आई मिस यू
आई रियली मिस यू

आपका बेटा
रोहित

रोहित कुमार एनडीटीवी खबर में कार्यरत हैं


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