जब ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहुंचे शी चिनफिंग सुरक्षा घेरा छोड़कर बीच पर टहलने चल पड़े...

जब ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहुंचे शी चिनफिंग सुरक्षा घेरा छोड़कर बीच पर टहलने चल पड़े...

जब - ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका - यानी ब्रिक्स के राष्ट्र तथा सरकार प्रमुख गोवा के डबोलिम एयरपोर्ट पर आकर उतरे, तो आधिकारिक रेड कारपेट के अलावा भी काफी कुछ था, जो उनका इंतज़ार कर रहा था... विमान से उतरकर आधिकारिक स्वागत हो जाने के बाद प्रत्येक मेहमान राष्ट्राध्यक्ष को भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाया गया... भांगड़ा की जीवंत धुनों से लेकर रंगबिरंगे कथकली और शानदार भरतनाट्यम की मुद्राओं तक समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक विरासत के सभी रंगों से मेहमानों का परिचय एयरपोर्ट पर ही करवा दिया गया था...

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन बेनॉलिम बीच पर अरब सागर के किनारे बने ताज में किया गया था... सूत्रों का कहना है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग कुछ पलों के लिए अपने भारी सुरक्षा बंदोबस्त को दरकिनार कर ताज एक्ज़ॉटिका के पीछे की तरफ बीच पर टहलने चले गए थे... निश्चित रूप से ऐसा करना कतई खतरा साबित नहीं हो सकता था, क्योंकि बेनॉलिम बीच का वह हिस्सा पूरी तरह बंद किया जा चुका था...

एक युवा गोवानी पत्रकार ने कहा, "हर साल अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव के आयोजन की वजह से गोवा में हस्तियों को देखना नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था हमने पहले कभी नहीं देखी थी... वैसे इसे समझना कतई मुश्किल नहीं था, क्योंकि दुनिया के सबसे मजबूत नेताओं में से दो - चिनफिंग और (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर) पुतिन यहां मौजूद थे..."

अब अगर कोई अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन गोवा में हो रहा है, तो सुनहरी-चमकीली धूप के साथ-साथ रेत का ज़िक्र भी होगा ही... जाने-माने सैंड-आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ब्रिक्स के प्रत्येक देश के लिए शानदार प्रतीकात्मक कलाकृतियां बनाईं... रंगबिरंगी नेहरू जैकेटों में सजे ब्रिक्स नेताओं ने चीन की महान दीवार (ग्रेट वॉल ऑफ चाइना), रूस के सेंट बेसिल कैथेड्रल, ब्राज़ील का क्राइस्ट द रिडीमर, भारत के ताजमहल और दक्षिण अफ्रीका के प्रतीक के रूप में बनाई नेल्सन मंडेला की रेत में बनी छवि को निहारा और सराहा...
 


अब पटनायक तो भारत का गौरव हैं ही, लेकिन इन छोटी-छोटी कलाकृतियों के लिए ब्रिक्स के प्रत्येक सदस्य देश ने रेत भी अपनी धरती से ही भेजी थी.

अब जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे, वहां 'अचानक' से इंकार नहीं किया जा सकता... सभी को याद होगा, किस तरह प्रधानमंत्री पिछले साल क्रिसमस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से मिलने 'अचानक' लाहौर पहुंच गए थे... ब्रिक्स के दौरान भी, जब बिमस्टेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल तथा चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी 'अचानक' उन दोनों नेताओं की मुलाकात हो गई.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया, "यह पूरी तरह इत्तफाक था... चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री अपने होटल की तरफ वापस जा रहे थे... उसी समय एक अन्य नेता होटल पहुंच गए, और नेपाल के पीएम का काफिला ताज एक्ज़ॉटिका के पार्किंग एरिया तक नहीं पहुंच पाया... उस वक्त नेपाली पीएम पुष्प कुमार दहल वापस नेताओं के लाउंज में चले गए... इसी समय हमारे प्रधानमंत्री ब्रिक्स नेताओं के भोज के लिए जा रहे थे, और इसी तरह उस वक्त लाउंज में उनकी मुलाकात हो गई..."

हमें जापान से आई वह तस्वीर आज भी याद है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परम्परागत ड्रम बजाते दिखाई दिए थे, और उनकी वह छवि निश्चित रूप से दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच गई है, क्योंकि भूटानी प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने प्रधानमंत्री की शानदार संगीतकार के रूप में प्रशंसा करते हुए उन्हें परम्परागत भूटानी वाद्ययंत्र भेंट किया...
 
संदीप फुकान NDTV में डिप्टी नेशनल एडिटर हैं...

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