संसदीय समिति का कहना है कि सेलिब्रिटीज को प्रोडक्ट की विश्वसनीयता का ध्यान रखना होगा
विज्ञापन करने वाले किसी चर्चित चेहरे का बहुत महत्व होता है और उसे एक ब्रांड एंबैसेडर के तौर पर किसी विज्ञापन में लिया ही इसीलिए जाता है ताकि वो उस प्रोडक्ट को बढ़ावा दे।
विज्ञापन में ऐसा दिखाया जाता है कि वो उस प्रोडक्ट का इस्तेमाल भी करता है, टूथपेस्ट से लेकर गाड़ियां तक। लेकिन ज़रूरी नहीं है कि ये हकीक़त हो। इसीलिए अब एक संसदीय समिति ये कह रही है कि अगर भरोसा का दावा करने वाले सेलिब्रिटीज किसी प्रोडक्ट को बेच रहे हैं, तो उनको उसकी विश्वसनीयता का ध्यान रखना होगा।
अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें पहली बार 2 साल की जेल और 10 लाख जुर्माना भरना होगा, जबकि दूसरी बार 5 साल की सज़ा और 50 लाख का जुर्माना देना होगा। इतना ही नहीं अगर बार-बार भ्रामक प्रचार किया जाता है तो प्रोडक्ट की बिक्री के आधार पर पेनेल्टी देनी होगी।
(अभिज्ञान प्रकाश एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं)डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इसआलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवासच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएंज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनकेलिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।