नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी, आम आदमी पार्टी या कांग्रेस तीनों ने ही जमकर चुनावी रैलियों की है। शायद ही आपको पता हो कि दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने लगभग 20 दिन के भीतर 21 हजार 7 सात सौ चुनावी रैलियां की है। जबकि 1875 रैलियों की अनुमति चुनाव आयोग ने नहीं दिया।
अब आप खुद सोचिए कि किस कदर इन तीनों ही पार्टियों ने पैसा और राजनीतिक ताकत इन चुनावों में झोंकी है। देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों राजनीतिक कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे और अनगिनत सेलीब्रेटी और बड़े नेताओं ने यहां डेरा डाल रखा है।
हालांकि अब दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार खत्म हो गया है। 7 फरवरी को दिल्ली के करीब एक करोड़ 34 लाख मतदाता करीब 11 हज़ार पोलिंग बूथ के जरिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। लेकिन इनमें से 44 हज़ार मतदाता अपने वोट डाल भी चुके हैं। वो भी पोस्टल बैलेट के जरिए, ये वो लोग हैं जो चुनावी ड्यूटी कर रहे हैं या सुरक्षाकर्मी हैं। यही नहीं इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनावों में ब्रश से इस तरह से उंगली में इंक लगाई जाएगी ताकि कोई इसे मिटाकर दूसरी जगह वोट करने न जा पाए। इस विधानसभा चुनाव में 2 लाख 27 हज़ार ऐसे मतदाता हैं जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जबकि इसी दिल्ली में 311 ऐसे मतदाता भी हैं जो सौ साल से ज्यादा की उम्र के हैं और अंग्रेजों के अंधेरे राज से लोकतंत्र के उजाले तक के गवाह बने हुए हैं।
हालांकि आम आदमी पार्टी ने ईवीएम मशीन को लेकर शिकायत की है लेकिन दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्र भूषण कहते हैं कि ईवीएम मशीन की पहले तकनीकी जांच होती है। इसके बाद पोलिंग बूथ पर अधिकारियों के सामने मतदान से ठीक पहले यानि सुबह 7 बजे से 8 बजे की बीच म़ॉक पोल होता है।
इसकी बाकायदा रिकार्डिंग होती है जब ये देख लिया जाता है कि मशीन ठीक से काम करती है तभी मतदान शुरू होता है। हालांकि चुनाव में पैसा और शराब के बंटने की शिकायत भी मिलती है। इस चुनाव में करीब 32 लाख रुपये सीज किए गए हैं जिनका गलत इस्तेमाल होने की आशंका थी।
यही नहीं एक लाख 35 हजार बॉटल शराब की भी पकड़ी गई है और 45 टीम दिन रात इन बातों पर निगरानी रखेंगी कि कहीं कोई शराब बांटकर वोटिंग को प्रभावित तो नहीं कर रहा है।