यह ख़बर 28 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

उमाशंकर सिंह की कलम से : इराक में भारतीय बंधकों पर अंधेरे में सरकार!

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज राज्यसभा में

नई दिल्ली:

इराक में बंधक भारतीयों का मुद्दा आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों में उठा। विपक्ष के पूछे गए सवाल पर विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने दोनों सदनों में सरकार का पक्ष रखा और कहा कि उम्मीद कायम हैं।

इराक में अगवा 39 भारतीय जिंदा हैं या नहीं, सरकार को इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन संसद में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने सूत्रों के हवाले से उम्मीद जताई कि वे जिंदा हो सकते हैं और इसलिए उनकी तलाश की जा रही है।

लोकसभा में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हमारे पास इस बात के सबूत नहीं हैं कि वे जिंदा हैं, पर इस बात के सबूत भी नहीं कि वे मार दिए गए हैं।

सुषमा स्वराज ने यह माना कि आईएसआईएस के चंगुल से किसी तरह भागने वाला एकमात्र चश्मदीद हरजीत मसीह सरकार के प्रोटेक्टिव केयर में है। वह बता रहा है कि बाकी 39 भारतीयों को मार दिया गया है, लेकिन सरकार को उसकी बात पर भरोसा नहीं है। सवाल विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पूरे मामले पर अब तक दी गई जानकारी पर भी उठा।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में ध्यान दिलाया कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अगवा भारतीयों के लोकेशन पता चल गया है। लेकिन सुषमा ने जवाब दिया कि मैंने कभी ऐसी जानकारी नहीं दी। तिवारी के जोर देने पर कि विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा था, सुषमा ने पूछा किस एमईए ने, मैंने या स्पोक्सपर्सन ने...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इराक के मोसुल पर आईएसआईएस के कब्जे के बाद से ही वहां काम करने वाले 39 भारतीयों का कोई अता-पता नहीं है। पिछले पांच महीने से परिवारवालों की उम्मीदें डूब-उतर रही हैं। हरजीत की बात पर भरोसा करने का कोई आधार नहीं है, तो उस पर भरोसा नहीं करने का ही क्या आधार है? जिंदगी की उम्मीद जगाए रखना अच्छी बात है, पर लंबे इंतजार में परिवार वाले तिल-तिल कर मर रहे हैं, सरकार को यह भी देखना होगा।