बॉन्ड! क्या आपको सच में लगता था कि पान मसाले से दांत 'सफेद' होते हैं

बॉन्ड! क्या आपको सच में लगता था कि पान मसाले से दांत 'सफेद' होते हैं

सोशल मीडिया ने एक बार फिर पीयर्स ब्रोसनन को घेर लिया है. कुछ दिन पहले भारतीय पान मसाला कंपनी के विज्ञापन में वह नज़र आए थे जिसके बाद वह चर्चा में आए थे. लेकिन अब उस विज्ञापन से जुड़ा उनका एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह इस बात से 'स्‍तब्‍ध और दुखी' है कि गलत तरीके से उनकी तस्‍वीर का इस्‍तेमाल ऐसे उत्‍पाद के प्रमोशन के लिए किया जा रहा है जो किसी के लिए खतरे का सबब भी बन सकता है. 

ब्रोसनन ने पीपल मैगेज़ीन को दिए इस बयान में कहा कि उन्हें कंपनी द्वारा बताया गया था कि वह एक (ब्रेथ फ्रेशनर/ टूथ वाइटनर) का विज्ञापन कर रहे हैं जिसमें ऐसा कोई पदार्थ नहीं है जिससे मुंह लाल हो जाता है. उन्होंने कहा कि 'मैंने कई साल महिलाओं के स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दे पर काम किया है. मैं स्तब्ध हूं कि पान बहार ने अपने पान मसाला उत्पादों की पूरी रेंज के लिए मेरी तस्वीर का इस्तेमाल किया. ब्रोसनन का कहना है कि उन्होंने सिर्फ एक अकेले उत्पाद के विज्ञापन के लिए हामी भरी थी जिसके बारे में कहा गया था कि 'उसमें प्राकृतिक पदार्थ हैं और तंबाकू, सुपारी या ऐसा कोई पदार्थ नहीं है जिससे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है.'
 
गौरतलब है कि ब्रोसनन के इस विज्ञापन किए जाने पर सोशल मीडिया पर उनकी काफी आलोचना की गई थी. उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने एक ऐसे उत्पाद के लिए काम किया जो कि सेहत के लिए हानिकारक हैं. इन आपत्तियों के बाद टीवी पर इस कमर्शियल को रोक दिया गया. सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी ने अंग्रेज़ी अख़बार डीएनए से  बातचीत में कहा था कि 'मैंने एड नहीं देखा है लेकिन यह यकीन करना मुश्किल है कि पीयर्स ब्रोसनन ने यह विज्ञापन किया है. लोगों को मौत बेचने के लिए पैसा कोई पैमाना नहीं हो सकता. इस विज्ञापन को सर्टिफाय नहीं किया जा सकता. सभी पान मसाला, तंबाकू और शराब के विज्ञापनों पर सरकार ने पहले से ही प्रतिबंध लगा रखा है.'

हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह है कि कई बॉलीवुड हस्तियां भी पान मसाले का विज्ञापन कर रही हैं. अजय देवगन, सैफ अली ख़ान और शाहरुख खान भी ऐसे ही ब्रांड के टीवी कमर्शियल में नज़र आते रहे हैं. प्रियंका चोपड़ा एक माउथ फ्रेशनर का विज्ञापन करती हैं जिसकी कंपनी पान मसाला भी बेचती है. यह सभी विज्ञापन अखबारों और टेलीविज़न पर दिखाए जाते रहे हैं. यह उत्पाद इन विज्ञापनों में दावा करते हैं कि उनमें 'ज़ीरो तंबाकू और निकोटीन' है लेकिन सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए यह भी बोला या लिखा जाता रहा है कि पान मसाला चबाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
 
उधर यहां इस विवाद में फंसी पान मसाला कंपनी पान बहार का बयान भी पढ़ा जाना चाहिए जो पिछले हफ्ते इंडियन एक्सप्रेस को दिया गया था. इस बयान के मुताबिक कपंनी ने कहा था 'सोशल मीडिया पर इस नए विज्ञापन को लेकर बहस चल रही है लेकिन शायद ब्रोसनन ने जिस उत्पाद के लिए काम किया है उसे लेकर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है - पान मसाला (भारतीय माउथ फ्रेशनर) में सुपारी, नींबू. कत्था, इलायची, चंदन का तेल और केड़वा है और इसमें तंबाकू और निकोटीन पदार्थ बिल्कुल भी नहीं है.' इसके अलावा कंपनी ने अपने विज्ञापन में भी जरूरी चेतावनी लिखी है.
 
अब बात करते हैं इस पान मसाला उत्पादों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश की. सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में उन खाद्य उत्पादों पर पाबंदी लगा दी थी जिनमें तंबाकू और निकोटीन जैसे पदार्थ शामिल हैं. इसी साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर गुटखे पर पाबंदी का कड़े तरीके से पालन करने और हर तरीके के तंबाकू की बिक्री पर रोक लगाने की बात दोहराई थी. कोर्ट ने यह बात तब कही जब ये शिकायतें आने लगी कि कंपनियों ने गुटखे पर प्रतिबंध का तोड़ ढूंढते हुए अलग पैकेट में तंबाकू बेचना शुरू कर दिया है जिसे अक्सर पान मसाला के साथ बेचा जाता है. यानि प्रतिबंध के बाद पान मसाला में किसी भी तरह का हानिकारक पदार्थ नहीं डाला जाता लेकिन अलग पैकेट में तंबाकू बेचकर अदालत के आदेश से बचने की तरकीब निकाली जा रही है.

ऐसे में बॉन्ड का कहना कि वह इस उत्पाद के नुकसान से अनजान थे और कंपनी का दावा करना कि उनके प्रोडक्ट में कोई हानिकारक तत्व है ही नहीं, इस पूरे मामले को एक विरोधाभास स्थिति में लाकर खड़ा कर देता है. क्या ब्रोसनन अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को ध्यान में रखते हुए इस विज्ञापन से हाथ झाड़ रहे हैं, या फिर क्या वह सचमुच पान मसाले और टूथ वाइटनर को एक समझ बैठे थे. क्या उन्हें सचमुच ऐसा लगा कि पान मसाले से दांत सफेद होते हैं या फिर जैसा कि ट्विटर पर किसी ने लिखा था कि कि अपनी पान से सनी फेक तस्वीर देखकर, उसकी कल्पना मात्र से बॉन्ड इतने सिहर गए कि खुद को ठगा हुआ बताने लग गए. पता नहीं अंतर्यामी बॉन्ड इस बार कैसे चूक गए...!

कल्पना एनडीटीवी ख़बर में कार्यरत हैं.

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