मायावती-जोगी ने दिलचस्प बनाया चुनाव...

नतीजा चाहे जो भी हो बसपा जोगी ने एक साथ आकर छत्तीसगढ़ चुनाव को त्रिकोणीय और दिलचस्प बना दिया है.

मायावती-जोगी ने दिलचस्प बनाया चुनाव...

मायावती और अजीत जोगी की पार्टी गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है.

छत्तीसगढ़ में एक चरण के चुनाव के बाद बसपा नेता मायावती ने यह साफ किया है कि उनकी पार्टी चुनाव के बाद बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी बनाकर रखेगी. हालांकि उनके ही सहयोगी अजीत जोगी ने एक दिन पहले यह पूछे जाने पर कि क्या जरूरत पड़ी जो बीजेपी को अपना सर्मथन दे सकते हैं. इस पर उन्होंने कहा था कि राजनीति में कुछ भी संभव है मगर बाद में वे अपने बयान से पलट गए. जाहिर है मायावती चुनाव परिणाम से पहले अपने पत्ते नहीं खोलना चाहती है. जाहिर है इन चुनावों का 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी काफी असर पड़ने वाला है. सभी पार्टियों को पता है कि अभी तक छत्तीसगढ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जीत का अंतर एक फीसदी से भी कम होता है. ऐसे में यहां एक-एक वोट कीमती होता है.

ऐसा नहीं है कि छत्तीसगढ़ में बसपा पहली बार लड़ रही हो. वहां उसके पास 4 से 5 फीसदी वोट है और एक दो विधायक भी चुने जाते रहे हैं. मगर इस बार अजित जोगी से गठबंधन करके मायावती ने एक बड़ा दांव खेला है. जानकार मानते हैं कि मायावती और अजित जोगी की जोड़ी एक तीसरी शक्ति के रूप में उभरी है जो एक दोधारी तलवार की तरह है, जिससे कांग्रेस और बीजेपी दोनों को नुकसान पहुंचेगा. ऐसा नहीं है कि मायावती और जोगी की जोड़ी केवल कांग्रेस का वोट काटेगी, बल्कि यह भी कहा जा रहा है कि वह उन हिस्सों में ज्यादा मजबूत दिख रही है जहां बीजेपी मजबूत है.

मगर यह भी तय है कि कांग्रेस को अधिक नुकसान हो सकता है. अजित जोगी कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनकी पत्नी रेणु जोगी ने चुनाव घोषणा के बाद कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दिया है और अब बसपा जोगी  गठबंधन की उम्मीदवार हैं. यानि बसपा के 4 फीसदी वोट और जोगी का अपना व्यक्तित्व जितना अधिक वोट खींचेगा कांग्रेस बीजेपी उतनी ही मुश्किल में रहेगी. कांग्रेस के कई नेता मानते हैं कि पार्टी को बसपा के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए था, क्योंकि गठबंधन ना करने से भी पार्टी सरकार बनाने नहीं जा रही थी और यदि कांग्रेस-बसपा गठबंधन हो जाता तो बसपा के 4 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस के पास बीजेपी से ज्यादा वोट होते.

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के पास 41.04 फीसदी, कांग्रेस के पास 40.04 और बीएसपी के पास 4.27 फीसदी वोट है. इस गणित के आधार पर यदि मायावती को कुछ सीटें यदि अधिक देना भी पड़ता तो कांग्रेस को वह करना चाहिए था मगर कहते हैं ना गठबंधन करना कांग्रेस के डीएनए में नहीं है और इसी का फायदा बीजेपी लगातार उठा रही है. दूसरा इन राज्यों में बसपा से गठबंधन करने का फायदा कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव में भी होता. यदि बसपा इन विधानसभा में अच्छा नहीं करती तो वह लोकसभा चुनाव में भी अधिक सीट मांगने की हालत में नहीं होती.

ऐसे में लगता है कांग्रेस का अति आत्मविश्वास कहीं उसे भारी न पड़ जाए या फिर रमन सिंह के इतने सालों के शासन के बाद जो ऊब पैदा होती है जनता में उस पर कांग्रेस को भरोसा है. नतीजा चाहे जो भी हो बसपा जोगी ने एक साथ आकर छत्तीसगढ़ चुनाव को त्रिकोणीय और दिलचस्प बना दिया है.


(मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं...)
 
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