वर्ल्‍ड कप 2019 में बारिश और बेल्‍स की ही चर्चा..

वर्ल्ड कप (World Cup 2019) में भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच होने वाला मैच बारिश के भेंट चढ़ गया..इस तरह से वर्ल्ड कप का यह चौथा मैच है जो बारिश की वजह से नहीं हो सका और टीमों के बीच अंक बांटने पड़े.

वर्ल्‍ड कप 2019 में बारिश और बेल्‍स की ही चर्चा..

वर्ल्‍डकप 2019 के मैच बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं

वर्ल्ड कप (World Cup 2019) में भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच होने वाला मैच बारिश के भेंट चढ़ गया..इस तरह से वर्ल्ड कप का यह चौथा मैच है जो बारिश की वजह से नहीं हो सका और टीमों के बीच अंक बांटने पड़े. यही नहीं, रविवार को होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच पर भी बारिश का साया है. मैनचेस्टर में होने वाले इस मैच में 60 फीसदी संभावना बारिश होने की है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि शायद 20-20 ओवर का मैच देखने को मिले. यही वजह है कि इंग्‍लैंड में हो रहे मौजूदा वर्ल्ड कप को लेकर दो बातें काफी चर्चा में हैं एक है इंग्‍लैंड की बारिश और दूसरा है वर्ल्ड कप में प्रयोग में की जा रही गिल्लियां (Bails) जो गिरती नहीं है...बारिश का साया इस बार के वर्ल्ड कप पर बुरी तरह पड़ा है. इस बारिश की वजह से श्रीलंका के दो मैच और वेस्ट इंडीज,बांग्लादेश, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के एक-एक मैच रद्द हो चुके हैं. इसकी वजह से श्रीलंका जैसी कमजोर टीम 4 मैच में 4 अंक पाकर पांचवें स्थान पर बनी हुई है जबकि उसने केवल 2 मैच खेले हैं जिसमें एक मैच जीता और एक हारा है.

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सोशल मीडिया पर इस बारिश (Rain)को लेकर इंग्‍लैंड की खूब खिल्लियां उडाई जा रही है..कई लोगों ने तो यह कहना शुरू कर दिया है कि इंग्‍लैंड को कई सालों तक वर्ल्ड कप आयोजन से बाहर रखा जाए. कई तरह के सवाल ICC से भी पूछे जा रहे हैं कि इंग्‍लैंड में इस वक्त बारिश होती है क्या ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कराने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था को मालूम नहीं था. बात यहीं खत्म नहीं होने वाली है 15 जून को होने वाले श्रीलंका और अफगानिस्तान मैच में 90 फीसदी बारिश का पुर्वानुमान है. यही नहीं, 16 जून यानी रविवार को भारत-पाकिस्तान मैच पर भी बारिश का साया है. यहां भी बारिश का अनुमान 50 फीसदी है उसी तरह 22 जून को भारत और अफगानिस्तान के बीच में भी 70 फीसदी बारिश का पुर्वानुमान है. 27 जून को भारत और वेस्टइंडीज और 6 जुलाई को श्रीलंका और भारत के बीच होने वाले मैच पर भी 60 फीसदी बारिश का पुर्वानुमान है यानी ये सारे मैच बारिश से बाधित हो सकते हैं और मैच पूरे हो पाने में संदेह की स्थिति है. मैच छोटा किया जाएगा और उसमें डकवर्थ लुईस के जरिए तय किया जाएगा कि कौन कितने ओवर खेलेगा. यह वो तरीका है जिसके बारे में किसी को पक्का पता नहीं है कि किस आधार पर कितने ओवर घटाए जाते हैं और कितने रन बनाने होंगे. इतिहास गवाह है कि इस डकवर्थ लुईस नियम की वजह से भारत एक वर्ल्डकप में अपना जीता हुआ मैच गंवा चुका है और एक वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका भी गलत गणना की वजह से हार चुका है..यानी इंग्‍लैंड का वर्ल्ड कप 'इंद्र भगवान' के भरोसे ही हो पाएगा और कौन सी टीम कितना अंक पाएगी यह खेल से नहीं बारिश की वजह से तय होगा.इसमें कमजोर टीमें फायदे में रहेंगी..

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दूसरा मुद्दा जो इस वर्ल्ड कप में काफी चर्चा में है वो है जिंग बेल्स यानी वो गिल्लियां जो गिरती ही नहीं हैं. वर्ल्ड कप में 5 ऐसे मौके आए जब बॉल स्टंप को लगी मगर गिल्लियां नहीं गिरी वो टिकी रहीं..ऐसा केवल इस वर्ल्ड कप ही नहीं देखने को मिल रहा है, ये आईपीएल में भी देखने को मिला. इस वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के राशिद खान की बॉल पर दक्षिण अफ्रीका डिकॉक, बोल्ट की बाल पर करुणारत्ने, मिचेल स्‍टॉर्क की बॉल पर गेल,स्टोक्‍स की बॉल पर सैफुद्दीन और बुमराह की बॉल पर वार्नर बच गए. यह कहा जा रहा है कि इंग्‍लैंड में बारिश और हवा को देखते हुए स्टंप के 'ग्रूव' को शायद और गहरा किया गया है. कुछ मानते हैं कि बेल्स थोड़ी  भारी हैं इसलिए वे गेंद लगने के बाद भी गिर नहीं रही. हालांकि आईसीसी कह चुका है कि गिल्लियां उतनी ही भारी हैं जितना पहले थीं. मगर इस बात पर वो कोई सफाई नहीं दे पा रहा है कि गिल्लियां गिरती क्यों नहीं..कुल मिलाकर इस वर्ल्ड कप के दो दर्द हैं बारिश और बेल्स..

-मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं...

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