मनोरंजन भारती की कलम से : डर को जाहिर करना हर नागरिक का हक है या नहीं?

मनोरंजन भारती की कलम से : डर को जाहिर करना हर नागरिक का हक है या नहीं?

आमिर खान

नई दिल्ली:

आमिर खान के बयान पर बवाल मचा हुआ है। ये कोई नई बात नहीं है या पहली बार नहीं हो रहा है। पुरस्कार वापसी पर विरोध और पक्ष में रैली निकाली गई। प्रधानमंत्री तक से मुलाकात हुई। सुधीन्द्र कुलकर्णी पर स्याही फेंकी गई। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और बीसीसीआई की मीटिंग में हंगामा किया गया। बिहार में गाय को मुद्दा बनाना, बिहार में महागठबंधन के जीतने पर पाकिस्तान में पटाके चलाने की बात करना और आमिर का कहना कि उनकी बीवी ने कहा, देश में डर लगता है, सौहार्द बिगाड़ने वाला बन जाता है।

आमिर-नरेंद्र मोदी के संबंध
आमिर खान और प्रधानमंत्री मोदी के रिश्तों को जानने के लिए थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा। 2006 में बड़ौदा में हुई हिंसा पर आमिर खान ने आपत्ति जताई थी और प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया था। बडौदा में सैयद चिश्ती रशीद्दुदीन की दरगाह को हटाने पर हिंसा भड़की थी। ये वो दौर था जब पूरे गुजरात में मंदिर मस्जिद और दरगाहों को हटाया जा रहा था। आमिर खान गुजरात में नर्मदा बचाओ आंदोलन को अपना सर्मथन देते रहे हैं, इसकी वजह से उस वक्त रिलीज हुई आमिर की फिल्म फना पर गुजरात में प्रतिबंध लगा दिया गया।

आमिर का कैसा रहा है रुख
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तब आमिर खान से माफी मांगने के लिए कहा। मगर आमिर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। फिर आमिर की मुलाकात हुई प्रधानमंत्री मोदी से जिसमें सत्यमेव जयते टीवी शो पर उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री का ध्यान खींचा था। आमिर एक ऐसे अभिनेता हैं जो लगातार देश में चल रहे मुद्दों पर अपनी राय रखते रहे हैं। जब अन्ना हजारे का रामलीला मैदान में आंदोलन चल रहा था तब आमिर खान उनके सर्मथन में खुल कर आए थे।

तब तो किसी ने उन पर देश में डर का माहौल बताने का आरोप नहीं लगाया था। क्या इस डर में कोई अपने डर को व्यक्त करता है, तो इतना बवाल क्यों मच जाता है। जो व्यक्ति अतुल्य भारत का विज्ञापन करता हो और सत्यमेव जयते शो में जनता से जुड़े मुद्दे उठाता हो उससे आपको यह उम्मीद रखना चाहिए कि देश के हालात पर भी उसको टिप्पणी करने का अधिकार है। अब आमिर के पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी तेज हो गई है। कई मंत्री और बीजेपी के नेता बोल रहे हैं।

बीजेपी नेताओं के बयान
बीजेपी के नेता शाहनवाज हुसैन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आमिर डर रहे हैं या डरा रहे हैं। ये गहरी राजनीतिक साजिश है। कुछ लोग बीजेपी को बदनाम करने पर उतारू हैं। उन्होंने कहा कि लोगों ने आमिर को मान-सम्मान दिया। सत्यमेव जयते उन्हें खुद पर लागू करना चाहिए। भारत जैसा देश उन्हें कहीं नहीं मिलेगा।

 वहीं अब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का भी बयान आ गया है। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी आमिर खान की टिप्पणी को 'अनुचित' और 'डर फैलाने वाला' बताया है।

अनुपम का ट्वीट
अनुपम खेर ने ट्वीट कर कहा कि क्या आपने अपनी बीवी (किरण) को बताया कि इस देश ने आपको आमिर खान बनाया। क्या आपने किरण से पूछा कि वो किस देश जाना चाहेंगी। श्रृषि कपूर ने ट्वीट किया कि सिस्टम को सुधारने की जरूरत हो तो उसे सुधारिए बदलिए उससे भागिए मत। यही असली नायक की पहचान है।

राहुल-केजरीवाल का समर्थन
इसके उलट राहुल गांधी ने लिखा कि देशद्रोही करार देने से बेहतर है कि उनकी परेशानी जानें। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने लिखा है कि आमिर का हर शब्द सही है। मैं खुल कर बोलने के लिए उनकी तारीफ करता हूं। बीजेपी को धमकियों और बदसलूकी के जरिए लोगों की आवाज दबाना बंद करना चाहिए।

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यानि देश में बहस जारी है मगर सवाल फिर भी वही है कि क्या देश के हालात पर अपने डर को जाहिर करना हर नागरिक का हक बनता है या नहीं या फिर उसके लिए किसी खास मजहब या प्रदेश का होने की जरूरत है।