मनोरंजन भारती की नजर से : बीएसपी की राष्ट्रीय मान्यता खतरे में

नई दिल्ली:

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता खत्म होने वाली है। चुनाव आयोग जल्द ही इस पर फैसला लेने वाला है। लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीतने वाली बीएसपी ने दिल्ली में भी सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, मगर एक भी सीट नहीं जीत पाई। उसे केवल 1.3 फीसदी वोट ही मिले। किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता तभी मिलती है, जब उसे चार अलग-अलग राज्यों में छह फीसदी या चार विधानसभा चुनावों में छह फीसदी वोट मिलें।

इसके अलावा चार लोकसभा सीट जीतना जरूरी है। एक और मापदंड है कि किसी भी पार्टी को लोकसभा चुनाव में दो फीसदी वोट मिले या 11 सांसद तीन अलग-अलग राज्यों से चुनकर आएं। इन सभी मापदंडों पर बीएसपी खड़ी नहीं उतरती। उसके पास अभी एक भी सांसद नहीं है। बीएसपी से चुनाव आयोग ने पहले भी जबाब मांगा था मगर उसने दिल्ली चुनाव तक का वक्त मांगा था। मगर दिल्ली के नतीजों से भी कोई फर्क नहीं पडता। राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता जानने का मतलब ये नहीं है कि उस पार्टी का चुनाव चिह्न तुरंत छिन जाएगा। उसे चुनाव आयोग कुछ और वक्त देगा ताकि वह अपना वोट प्रतिशत बढ़ा सके मगर उसे रेडियो और दूरदर्शन पर प्रचार के लिए फ्री वक्त मिलना बंद हो जाएगा। उस पार्टी को मुफ्त में मतदाता सूची भी चुनाव आयोग से नहीं मिलेगा।

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राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिनने के बाद दिल्ली में पार्टी दफ्तर की मिलने वाली सुविधा भी खत्म हो जाएगी। अभी तक चुनाव आयोग ने छह पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है, जिसमें कांग्रेस,बीजेपी,सीपीआई,सीपीएम,बीएसपी और एनसीपी शामिल है। मायावती ने अभी तक चुनाव आयोग को जवाब नहीं दिया है मगर पार्टी सूत्रों की मानें तो वह चुनाव आयोग से और वक्त मांगने वाली है।