नवाज शरीफ के कबूलनामे से जाहिर हुई पाकिस्‍तानी सरकारों की कमजोरी

नवाज शरीफ के कबूलनामे से जाहिर हुई पाकिस्‍तानी सरकारों की कमजोरी

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

पाकिस्तान...पाकिस्तान, पाकिस्तान। पाकिस्तान का नाम लिया जाना हाल की सुर्खियों का हिस्सा है, लेकिन इन सबके बीच जेएनयू से बहुत दूर नवाज़ शरीफ़ ने ये कबूला है कि अटल बिहारी वाजपेयी की पीठ पर छुरा घोंपा गया।

जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर की बस यात्रा पर गए थे, ठीक उसके बाद ही करगिल को अंजाम दिया गया। इतने सालों के बाद ये बात नवाज़ शरीफ़ खुद कह रहे हैं, इससे एक बार फिर पाकिस्तान में चुनी हुई सरकारों की कमजोरी सामने आती है, क्योंकि सबको याद है कि करगिल को पाकिस्तान की सेना ने अंजाम दिया था। ये पाकिस्तान के रवैये को भी बताता है कि उसका एक हिस्सा कभी भी भारत के लिए अमन और दोस्ती का रास्ता नहीं मानता।

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जबकि एक हिस्सा जिसमें वहां की सरकारें और पॉलिटिकल मुखिया भी शामिल हैं, ये कोशिश सालोंसाल करता रहा है। हाल ही के दिनों में नवाज़ शरीफ़ के पारिवारिक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी पहुंचे थे, जिससे किसी को ऐतराज नहीं हो सकता है लेकिन साथ ही ये भी जरूरी है कि पाकिस्तान के उस हिस्से के रवैये को भी ना भूलें जो करगिल से लेकर 26/11, और 26/11 से लेकर पठानकोट के पीछे हो सकता है।