यह ख़बर 21 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भारतीय निशानेबाज़ी का नया सुपरस्टार, जीतू राय

नई दिल्ली:

दुनिया के नंबर एक शूटर जीतू राय इंचियॉन एशियन गेम्स में दस मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फ़ाइनल राउंड तक पहुंचे जरूर लेकिन मेडल हासिल नहीं कर पाए। ये एक चैंपियन खिलाड़ी का चूकना तो था ही साथ में इसने बताया कि निशानेबाज़ी कितना मुश्किल खेल है।
 
दक्षिण कोरिया के किम चियांग यांग ने जब फ़ाइनल राउंड के एक शाट पर 10.9 का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बना दिया और इसके बाद स्थानीय दर्शकों के तालियों की गूंज ने जीतू राय को भी प्रभावित किया। महज 50 सेकेंड के अंतर पर लगाए निशाने में चूके और इसके बाद वापसी नहीं कर पाए। लेकिन अपने फेवरेट इवेंट में चूकने से पहले ही जीतू एशियन गेम्स को यादगार बना चुके थे।

दस मीटर पिस्टल के ही टीम इवेंट में जीतू ने समरेश जंग और प्रकाश नन्जप्पा के साथ मिलकर भारत को कांस्य पदक दिलाया।
यह जीतू का एशियन गेम्स में दूसरा और इस साल का सातवां मेडल साबित हुआ।

इससे पहले इंचियॉन में उन्होंने 50 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने का करिश्मा दिखाया। जीतू राय 10 मीटर पिस्टल इवेंट में दुनिया के नंबर एक शूटर हैं। भारत की ओर से रियो ओलिंपिक का टिकट हासिल करने वाले वाले वे पहले निशानेबाज हैं।

चेहरे पर हमेशा सौम्य मुस्कान के साथ नजर आने वाले जीतू राय की इन कामयाबियों की सबसे बड़ी वजह उनकी कठोर मेहनत और निशानेबाज़ी के प्रति अनुशासन है। वे बताते हैं कि सेना के अनुशासन ने ही उन्हें इस कामयाबी तक पहुंचाया है।

जीतू राय का जन्म नेपाल के छोटे से गांव में 1987 में हुआ था, लेकिन 2006 में वे भारत आ गए। यहां आकर उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती हो गए। निशानेबाज़ी के प्रति दिलचस्पी ने उन्हें 2011 में सेना की शूटिंग टीम में तक पहुंचा दिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

वैसे तो निशानेबाजी की दुनिया में 2013 से ही जीतू राय ने कमाल दिखाना शुरू किया था, लेकिन 2014 उनके करियर में मेडल से भरा साल साबित हो रहा है। पहले तो उन्होंने म्यूनिख़ वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल हासिल किया, फिर मारीबोर वर्ल्ड कप में गोल्ड एवं सिल्वर जीत लिया। ग्लासगो कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतने के बाद स्पेन के ग्रेनाडा में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीतू ने सिल्वर मेडल हासिल किया। इसके बाद इंचियोन एशियन गेम्स में उन्होंने दो पदक जीते।

इंचियॉन एशियन गेम्स में जीतू राय की कामयाबी के बाद भारत में हर कोई उनकी कंस्सीटेंसी की तारीफ़ कर रहा है। दिग्गज निशानेबाज समरेश जंग के मुताबिक भारतीय निशानेबाजी की दुनिया में लंबे समय के बाद किसी ने ऐसी कंस्सीटेंसी दिखाई है।

जीतू की खास बात यह है कि लगातार कामयाबियों के बाद भी उनके पांव जमीन पर टिके हुए हैं। उनमें लगन है और हौसला भी। लगातार अभ्यास करने का कमिटमेंट भी और अपने ही प्रदर्शन को बेहतर बनाने का जज्बा भी।  

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जब नजरें रियो ओलिंपिक पर टिकी हों तो फिर इन गुणों के सहारे ही कामयाबी हासिल की जा सकती है।