महावीर रावत : खेल के साथ 'SHAME' शब्द का इस्तेमाल ठीक नहीं

नई दिल्ली:

अपने स्कूल-कॉलेज के दिनों में मैं बहुत कम टीवी देखता था। पूरा वक्त क्रिकेट स्टेडियम से लेकर बास्केटबॉल कोर्ट पर ही निकलता। वैसे भी मोबाइल और टेक्नोलॉजी की दुनिया में मैं उतना एक्सपर्ट नहीं हूं, जितने मेरे दोस्त या ऑफिस के लोग हैं, इसीलिए हैश-टैग या ट्रेंड को समझने में मुझे थोड़ा वक्त लगता है।

कल शो के दौरान पता चला कि किसी अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल ने #shamedinsydney के हैश-टैग का इस्तेमाल किया। पल में हीरो और पल में ज़ीरो बनाने के न्यूज़ चैनलों की आदत से परेशान दर्शकों ने ऐसा किया, जो पहले भारतीय टीवी इतिहास में शायद पहले नहीं हुआ। लोगों ने इसी चैनल के खिलाफ़ हैश-टैग इस्तेमाल किया और धीरे-धीरे ये भारत का नंबर 1 ट्रेंड बन गया। यानी, जो खबरी थे, वो खुद ही खबर बन गए।

पत्रकार होने के नाते नहीं, बल्कि एक खिलाड़ी होने के नाते मेरा मानना है कि खेल के साथ कभी भी 'SHAME' शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। देश के लिए खेलना सबसे बड़े गौरव की बात होती है और जब दांव पर इतना कुछ लगा हो, तो हर कोई बस जीतना चाहता है। हमें बस मैदान पर वो खिलाड़ी महंगे चश्मे पहनकर और बड़े-बड़े विज्ञापनों की टी-शर्ट पहने नज़र आते हैं. मगर इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत को कम ही लोग देख पाते हैं। सुबह-शाम घंटों अभ्यास, पसीना बहाना, बिल्कुल अनिश्चित भविष्य के साए में ऐसा खेल खेलना कभी आसान नहीं होता, जिसमें आगर नाकाम हो गए, तो समाज में मज़ाक उड़ाने वालों की कमी नहीं।

लाखों बच्चे हर साल क्रिकेट खेलने मैदान पर उतरते हैं और उनसे में कुछ चुनिंदा ही टीम इंडिया के लिए खेल पाते हैं। लेकिन विरोधी टीम भी मैदान में घास काटने तो आती नहीं है और उसके खिलाड़ी भी मैदान पर अपना सब कुछ झोंकते हैं। जब दो टीमें खेलती हैं, तो एक का जीतना और एक का हारना तय है।

खेल में एक कहावत हैं कि 'There is no shame in losing to a good team' यानी किसी बेहतर टीम या बेहतर खिलाड़ी से हारने में कभी शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए। किसी भी खिलाड़ी के प्रयास को Shameful कहना बहुत ग़लत है। ये उसकी मेहनत की तौहीन है। और सिर्फ़ खिलाड़ी ही नहीं, अगर आपका कोई अपना किसी भी क्षेत्र में प्रयास करने के बाद भी अगर नाकाम होता है, तो इसमें शर्मिंदा होने वाली बात नहीं।

मगर अब भारत का फैन समझदार हो चला है। उसे मैच के मुज़रिम नहीं चाहिए, क्योंकि क्रिकेट जानने वाले समझ चुके हैं कि मैच में कोई मुजरिम नहीं होता है, लेकिन जो जवाब दर्शकों ने उस अंग्रेज़ी चैनल को दिया वो दूसरों के लिए भी एक बहुत बड़ा सबक है।

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