एनडीएमसी के वकील की हत्या पर गरमाई सियासत

एनडीएमसी के वकील की हत्या पर गरमाई सियासत

धरना-प्रदर्शन-अनशन राजनीतिक औजार होते हैं और इसका भरपूर प्रयोग होते आज दिल्ली में देखा गया। बीजेपी के सासंद महेश गिरि दिल्ली के मुख्यमंत्री निवास के सामने अपने दल-बल पूरे इन्तजाम के साथ डटे हुए हैं। मांग कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री सार्वजनिक तौर पर बहस करें या माफी मांगें क्योंकि उन पर अरविंद केजरीवाल ने एक हत्या में जुड़े होने का आरोप लगा दिया है।

मुख्यमंत्री ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग को 15 जून को चिठ्ठी लिख कहा है कि एमएम खान हत्या मामले बीजेपी के सांसद महेश गिरी और बीजेपी के पूर्व विधायक कंवर सिह तंवर का नाम प्रमुखता से आ रहा है। आपने बड़ी खूबसूरती से अपनी पुलिस से कहकर दोनों को बचा लिया, पुलिस को दोनो से पूछताछ तक नही करने दी।

एनडीएमसी के वकील एमएम खान की 16 मई को उनके घर के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस इस मामले पर कह चुकी है कि बीजेपी नेताओ और एमएम खान की हत्या में कोई लिंक नहीं है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार
- होटल के मालिक रमेश कक्‍कड़ ने साजिश रची...
- कक्‍कड़ के होटल कनाट का केस चल रहा था...
- 140 करोड़ की रिकवरी करनी थी एनडीएमसी को
- एमएम खान इस केस को देख रहे थे...
- वे इमानदार थे और कक्‍कड़ को केस हारने का डर था...
- कक्‍कड़ ने खान को सबक सिखाने की सोची
- खान की हत्या के लिए 2 लाख की सुपारी दी...

अब आम आदमी पार्टी का आरोप है कि पुलिस पर केंद्र दबाव बना रहा है। साथ ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने कुछ चिट्ठियां जारी की हैं जो बीजेपी के नेताओं के तार इस हत्याकांड से जोड़ती हैं। एक चिट्ठी एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कंवर सिह तंवर की है जो पहले बीजेपी के विधायक रह चुके हैं। 6 मई 2016 को लिखी उपराज्यपाल को चिठ्ठी में उन्होने एमएम खान के काम के रवैये पर सवाल उठाये थे। अपनी चिठ्ठी में उनके लिए मनमाना, अनुचित और पक्षपात पूर्ण रवैये जैसे शब्दों का प्रयोग किया और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी वकालत की।

इसके बाद 10 मई को होटल कनाट के मालिक रमेश कक्‍कड़ की उपराज्यपाल को चिठ्ठी सामने रखी जिसमें ककड़ कंवर सिह तंवर की चिठ्ठी का हवाला देते हुए एमएम खान के काम के तरीके की आलोचना की और साथ ही उन्हीं के जैसी शब्दावली का प्रयोग किया, जैसे मनमाना, अनुचित और पक्षपात पूर्ण रवैये वाला बताया।

दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के निजि सचिव विश्‍वेन्दर की चिट्ठी भी सार्वजनिक की जिसमें उन्होंने इस मामले में महेश गिरी द्वारा चिट्ठी देने की बात कही गई है।

लेकिन इस चिठ्ठी में जो तारीख है वो सवाल खड़े करती है, 12-5-17!!

आम आदमी पार्टी का आरोप यह भी है कि महेश गिरी, रमेश ककड़ को लेकर उपराज्यपाल से मिलने गये। हालांकी इसके कोई सबूत नहीं दिये लेकिन कहा कि पुलिस इसकी जांच करे। महेश गिरी का कहना है कि एक सांसद होने के नाते वो अनेकों चिट्ठियां उपराज्यपाल को देते हैं।

इस सब के बीच मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि 'मोदी पुलिस' को महेश गिरि को गिरफ्तार कर पूछताछ करनी चाहिए एमएम खान हत्या मामले में, मोदी पुलिस बचा रही है उसे।

इस सब बयानबाजी के बीच भाषा का गिरता स्तर तो सवाल उठा ही रहा है, सवाल ये भी है कि मामले की फाइल क्या दोबारा खुलेगी। एमएम खान की बेटी इकरा खान ने एनडीटीवी से कहा है कि राजनितिक लड़ाई को इस केस से अलग रखें, ...बस न्याय मिले.. तकलीफ होती है ये सब देख कर। वाकई तकलीफ होती है ये देख कर कि क्या हत्या के मामले इस तरह सार्वजनिक आरोप प्रत्यारोप से सुलझते हैं?


(निधि कुलपति एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एडिटर हैं)

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