आज गांधी को न तो जेल हो सकती है और न उन्हें बेल लेने की आवश्यकता है, जब तक सोनिया गांधी, इंदिरा गांधी (अक्टूबर 1977 में सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में जमानत लेने से इनकार कर जेल जाने का फैसला) की तर्ज़ पर मामले का राजनीतिक लाभ लेने का दुस्साहस न करें। कोर्ट में आज गांधी की पेशी होने पर पांच बातें हो सकती हैं-
1- अदालत इस मामले में अगली सुनवाई के लिए तारीख तय करेगी, जब स्वामी अपने आरोपों को सिद्ध करेंगे और गांधी परिवार अगली तारीख के लिए अपनी हाजिरी लगाने के लिए हामी भर देंगे।
2- सीआरपीसी की धारा-88 के तहत राहुल और सोनिया की अगली तारीखों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अदालत बॉन्ड भरने का आदेश दे सकती है, जो व्यक्तिगत हो सकता है या श्योरिटी के साथ।
3- सोनिया गांधी-राहुल गांधी के पासपोर्ट जब्त करने की मांग स्वामी कर सकते हैं और ऐसा होने पर भविष्य में विदेश यात्रा के लिए कोर्ट की अनुमति लेनी होगी।
4- स्वामी, गांधी की हिरासत की मांग कर सकते हैं, जिसको मानने की संभावना कम है, लेकिन ऐसा होने पर सीआरपीसी की धारा-437 के तहत जमानत लेनी पड़ सकती है।
5- यदि केजरीवाल की तर्ज़ पर राहुल गांधी भी बॉन्ड न भरकर जेल जाने का फैसला करते हैं, तब उन्हें हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिलेगी और वो जेल जा सकते हैं। उन्हें छूटने के लिए जमानत लेनी ही होगी, जब तक स्वामी इस मामले को वापस न ले लें।
इस शिकायत में अन्य महत्वपूर्ण आरोप हवाला ट्रांजेक्शन का है, जिसकी जांच केंद्र सरकार का प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। जहां स्वामी की शिकायत पर ईडी के निदेशक का ट्रांसफर कर दिया गया था। स्वामी को कल सरकारी आवास अलॉट करने के निर्णय से राजनीति फिर गर्म हो सकती है, क्योंकि राहुल गांधी इस मामले को पीएमओ प्रायोजित बता रहे हैं। आज कोर्ट की कार्रवाई निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के तहत ही होगी, पर उसके बाद राजनीति तो होनी ही है।
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