यह ख़बर 11 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

प्रदीप कुमार की कलम से : शतक के लिए कोहली का 10 महीने का इंतज़ार हुआ खत्म

एडिलेड टेस्ट में शतक के बाद दर्शकों का अभिवादन करते विराट कोहली

नई दिल्ली:

विराट कोहली ने एडिलेड में शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए बेहतरीन शतक बनाया... अपने टेस्ट करियर का सातवां शतक... लेकिन यह शतक दो वजहों से बेहद खास है... एक, कप्तान के तौर पर अपने पहले ही टेस्ट में विराट कोहली ने शतक बना डाला, और इसके साथ ही बीते 10 महीनों से टेस्ट मैच में शतक का इंतज़ार भी पूरा हो गया...

विराट कोहली ने इससे पहले अपना छठा टेस्ट शतक न्यूज़ीलैंड के वेलिंगटन में 14 फरवरी, 2014 को बनाया था... उस पारी में विराट 105 रन पर नॉट आउट रहे थे... उसके बाद इंग्लैंड के टेस्ट दौरे में विराट कोहली रनों के लिए तरस गए थे, और विदेशी पिचों पर उनकी तकनीक को लेकर खूब सवाल उठे थे... यह भी कहा गया था कि कोहली का ध्यान क्रिकेट के मैदान से दूर कहीं और लगा हुआ है... इंग्लैंड में विराट कोहली ने पांच टेस्ट मैचों की 10 पारियों में 14 से भी कम की औसत के साथ महज 134 रन बनाए थे...

लेकिन एडिलेड में उनका दूसरा अंदाज़ नजर आया... विराट कोहली जब एडिलेड में बल्लेबाज़ी करने उतरे तो टीम इंडिया का ठीक-ठाक स्कोर था - दो विकेट पर 111 रन... ऐसी स्थिति में कोहली पर दबाव तो नहीं था, लेकिन पहली ही गेंद ने उन्हें दबाव में ला दिया...

मिशेल जॉनसन की पहली ही गेंद बाउंसर थी, जो सीधे उनके हेल्मेट से टकराई... एक पल के लिए तो ऑस्ट्रेलियाई खेमा में भी सदमे में आ गया, भागकर जॉनसन कोहली तक पहुंचे, लेकिन कोहली तब तक हेल्मेट संभालते हुए तैयार हो गए थे...

इस बाउंसर के बाद कोहली का इरादा मज़बूत हुआ होगा और उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के तौर पर अपने डेब्यू टेस्ट को यादगार बनाने का फैसला किया... कप्तान के तौर पर कोहली भारत के 32वें कप्तान हैं, लेकिन कोहली को अपने नंबर बेहतर करने की आदत पड़ चुकी है...

लिहाजा वह अब भारत के चौथे ऐसे कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने कप्तान के तौर पर अपने पहले ही टेस्ट में शतक बनाया... विजय हजारे, सुनील गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर के बाद कोहली इस उपलब्धि तक पहुंचने वाले चौथे भारतीय कप्तान हैं...

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यह कोहली की उस खूबी को दर्शाता है, जिसमें वह अपनी जिम्मेदारी को बेहतरीन ढंग से निभाते नजर आते हैं... एडिलेड टेस्ट में कोहली ने अपनी कप्तानी से सबको प्रभावित किया है... विराट कोहली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कप्तानी के दबाव ने उनकी बल्लेबाज़ी को प्रभावित नहीं किया... वह कप्तान के तौर पर बेहतर बल्लेबाज़ के तौर पर निखरकर सामने आते हैं, और इसी खूबी के चलते वह अपने समकालीनों से काफी आगे निकल चुके हैं...