रवीश कुमार की बॉन्ड को खास चिट्ठी : अगली फिल्म में तुम धोती-कुर्ते में आना...

रवीश कुमार की बॉन्ड को खास चिट्ठी : अगली फिल्म में तुम धोती-कुर्ते में आना...

फिल्म का पोस्टर

जेम्स बॉन्ड के लिए मुश्किल हो गई है। भारत के पर्दे पर वह सारे काम कर सकता है मगर एक काम करने की उसे पूरी इजाज़त नहीं है। मुझे लगा कि बॉन्ड दुखी है इसलिए मैंने बॉन्ड को एक लेटर लिखा है। दरअसल, एक फिल्म आ रही है, 'स्पेक्टर'।

बॉन्ड अपनी हर फिल्म में कुछ न कुछ ऐसा करता है, जिसकी नकल से भारत की फिल्मों में डॉन बन जाता है। एक तरफ बॉन्ड है, दूसरी तरफ डॉन है। अब मुझे यह नहीं मालूम कि जो काम बॉन्ड नहीं कर सकता, वो काम डॉन कर सकता है या नहीं।
 

हे जेम्स बॉन्ड .... तुम किसी कन्या के साथ विचरण तो कर सकते हो... वार्तालाप भी कर सकते हो.....लेकिन रुको.....तुम ये नहीं कर सकते... क्योंकि तुम भारत में हो जेम्स बॉन्ड..

हमें संस्कारी जेम्स बॉन्ड अच्छा लगता है...आलोक नाथ की तरह संस्कारी बॉन्ड...  कुछ तस्वीरों में तुम्हारा यौवन बिना बनियान वाली तस्वीर से ज्यादा निखरता है...
 


ये तस्वीर मैंने किसी नेहा के ट्वीटर हैंडल से चुराई है...बॉन्ड...लकिली चोरी भारत में पश्चिम से नहीं आई है। वैसे पर्सनली मुझे तुम्हारा ये सूट बहुत अच्छा लगता है...

वसीम टेलर से लेकर रहमान टेलर तक सबको नाप देता रह गया... लेकिन कोई ऐसा लाजवाब सूट नहीं सिल सका.... और ये तुम्हारी कार....

सब कुछ कातिलाना है.....सब कुछ.....तुम उन जगहों पर कितने स्मार्टली चले लेते हो... जहां हमने सिर्फ बंदरों को चलते देखा है.... अरे वाह.... क्या निशाना लगाते हो...

जेम्स... तुम कमाल के हो... मगर तुम संस्कारी नहीं हो..... जेम्स.....तुम यहां अकेले खड़े-खड़े क्या सोच रहे हो.... क्या हिंसा पर प्रायश्चित करना चाहते हो... पर तुम किस नहीं करोगे... शूट नहीं करोगे...तो करोगे क्या बॉन्ड....
 

चुंबन भारतीय संस्कृति का पार्ट रहा है.... लेकिन पहलाज निहलानी का पार्ट कुछ और है... सुना है... सेंसर बोर्ड ने चुंबन आलिंगन के दो शॉट संक्षिप्त कर दिए हैं, इंग्लिश में कट कर दिए हैं

पहलाज युग से पहले भारतीय सिनेमा में एक नायक ने तो अपनी फिल्म में चुम्मे का आह्वान किया था। चुम्मे के लिए उस नायक ने नायिका काटकर को जुम्मे का वादा याद दिलाया था।

मगर अब वक्त बदल गया है....सूरज निकल गया है..... भारतीय संस्कृति जिन-जिन चीज़ों से गड़बड़ा जाती है, उन सभी चीज़ों को सवेरे वाली गाड़ी से लंदन रवाना किया जा रहा है।

पहलाज से पहले तुम्हारी जितनी भी फिल्में आई हैं उनमें तुमने (बॉन्ड) नायिका का चुंबन किया है, दरअसल, पहले के पहलाज प्रमुख भारतीय संस्कृति से विमुख हो गए थे.... चुंबन जैसे अश्लील दृश्यों से रसरंजन कर रहे थे....
 

चुंबन पर रोक नहीं है...मगर चुंबन का काल अगर लंबा हो जाए तो दिक्कत है...

सूत्रों के हवाले से अखबारों ने लिखा है कि भारतीय फिल्मों में भी चुंबन के काल को कम किया जा रहा है। ये मत समझना कि पहलाज साहब को पश्चिम से नफरत है...ऐसा बिल्कुल नहीं है....

हाल ही उन्होंने एक वीडियो बनाया था, प्रधानमंत्री की शान में.... इस वीडियो में पश्चिम में उनकी धाक के गुण गाए गए थे। पश्चिम के हथियारों रॉकेटों को इस्तेमाल किया गया था.... हंगामा हुआ कि ये तो पश्चिम का है...विदेशी है....

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वीडियो को हटा लिया गया बॉन्ड... ये मत समझना कि पहलाज सिर्फ तुम्हारा ही सीन काटते हैं....वे इतने अच्छे हैं कि अपना बनाया वीडियो भी हटा लेते हैं। अत: हे बॉन्ड...इस फिल्म में जो तुमने सूट पहनी है वो मुझे दे जाना... अगली फिल्म में तुम धोती-कुर्ते में आना.....