यह ख़बर 11 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सुशील की समीक्षा : भारत के 'खास' खिलाड़ी जीतकर आए हैं 'खास' वर्ल्डकप...

ब्लाइंड टीम के खिलाड़ियों के साथ लेखक

नई दिल्ली:

इस वक्त हम सभी इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच हो रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बारे में बातें कर रहे हैं, लेकिन हम सब भूल रहे हैं कि भारत के खिलाड़ी एक बहुत बड़ा कारनामा कर आए हैं। क्या आप जानते हैं, यह कारनामा क्या है...? शायद बहुत कम लोग जानते होंगे या रुचि रखते होंगे। मैं भी नहीं जानता था, बाद में पता चला।

चलिए, आपकी दुविधा दूर कर देते हैं। भारत की ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने साउथ अफ्रीका में हुए ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्डकप फाइनल में पाकिस्तान को हराकर ट्रॉफी हासिल की है... तो मैं आज इन खिलाड़ियों से मिला और बहुत खुशी हुई... और इनसे जो जानकारी मिली, उसे आपसे बांट रहा हूं... साउथ अफ्रीका में 27 नवंबर से 7 दिसंबर तक खेले गए ब्लाइंड वर्ल्डकप में इंडिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, श्रीलंका और मेजबान साउथ अफ्रीका ने हिस्सा लिया था। भारत के 10 अलग-अलग राज्यों से 17 खिलाड़ी इस टूर्नामेंट के लिए चुने गए थे।

टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भारत ने श्रीलंका को और पाकिस्तान ने इंग्लैंड को हराया। कोच पैट्रिक राजकुमार कहते हैं कि लीग मैच के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने एक नई रणनीति अपनाई, जो किसी भी टीम ने आज तक इस्तेमाल नहीं की थी। भारत ने चार की जगह छह बी-1 खिलाड़ियों को मौका दिया। दरअसल, बी-1 वे खिलाड़ी होते हैं, जो पूरी तरह ब्लाइंड होते हैं। छह ऐसे खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए भी भारत ने बांग्लादेश को 111 रन पर ऑलआउट कर दिया और बिना विकेट खोए हुए 12 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया।

चलिए, अब फाइनल मैच की बात करते हैं। हम सभी जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच कितना मनोरंजक होता है, और इस ब्लाइंड वर्ल्डकप का फाइनल इन्हीं दोनों चिर-प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच ही हुआ। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 40 ओवर में मुहम्मद के शानदार 102 और निसार अली, मोहम्मद अकरम और अनीस जावेद के शानदार अर्द्धशतकों की बदौलत भारत के सामने 389 का विशाल स्कोर खड़ा किया।। ऐसा लगता था कि शायद भारत इतने बड़े टारगेट तक पहुंच नहीं पाएगा। यह टारगेट उस वक्त और भी ज़्यादा दूर लगने लगा, जब टीम इंडिया ने केवल 49 रन पर दो विकेट गंवा दिए, जिनमें कप्तान शेखर नायक शामिल थे।

लेकिन कोच का भरोसा खिलाड़ियों पर बना रहा, और फिर हरियाणा के दीपक मलिक और आंध्र के वेंकटेश ने तीसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर भारत की जीत का रास्ता तैयार कर दिया। इसके बाद पांचवें विकेट के लिए प्रकाश जयरमैया और अजय रेड्डी ने 134 रनों की पार्टनरशिप कर भारत को जीत दिला दी। भारत की तरफ से प्रकाश जयरमैया ने 38 बॉल में 84 रनों की शानदार पारी खेली। वैसे, 'मैन ऑफ द मैच' और 'मैन ऑफ द सीरीज़' चुने गए गुजरात के चेतन भाई पटेल ने 76 और आंध्र के अजय रेड्डी ने भी 74 रनों का योगदान दिया।

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ज़रा सोचिए, अगर ऐसा हमारी सामान्य क्रिकेट टीम ने किया होता तो अब क्या-क्या नहीं हुआ होता। टीवी के सामने सभी लोग बैठे होते, खुशी मनाई जा रही होती और बीसीसीआई कितने ही इनामों की घोषणा कर चुकी होती। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों से भी अलग-अलग राशि के इनामों की घोषणाएं लगातार होती रहतीं। कितना अजीब है, इन नेत्रहीन खिलाड़ियों की कोई कद्र नहीं। चलिए, यह अच्छी बात है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इन खिलाड़ियों से मिले और उनका हौसला बढ़ाया। खेल मंत्रालय ने इन खिलाड़ियों को पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। लेकिन दुःख की बात यह है कि सपोर्ट स्टाफ को कुछ नहीं दिया गया। दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई की तरफ से भी किसी राशि की घोषणा नहीं की गई...