सुशील महापात्रा की कलम से : होली के रंग वेस्ट-इंडीज के संग

नई दिल्ली:

शुक्रवार को जहां भारत के लोग होली के रंग में रंगे होंगे, वहीं ऑस्ट्रेलिया के पर्थ के मैदान पर कुछ खिलाड़ी रंगीन कपड़ों में एक-दूसरे से भिड़ रहे होंगे। शुक्रवार के दिन दोनों टीम फिर एक बार भिड़ने जा रही हैं। लेकिन कौन किसके रंग को उतारेगा यह तो मैच के बाद ही पता चलेगा। यह पहली बार नहीं कि दोनों टीम होली के दिन एक-दूसरे से भिड़ रही हैं। चाहे आप इसे किस्मत की बात कहें कि 2011 के वर्ल्डकप में भी होली के दिन ही दोनों टीमें एक-दूसरे से भिड़ी थीं। अगर रंग उतारने की बात की जाये तो वर्ल्डकप में भारत चार बार वेस्ट-इंडीज का रंग उतार चुका है, जबकी वेस्ट-इंडीज तीन बार।

जी हां, वर्ल्डकप में वेस्ट-इंडीज और भारत एक-दूसरे से सात बार भिड़ चुके हैं, जिसमें चार बार भारत जीता है, और तीन बार वेस्ट-इंडीज। भारत और वेस्ट-इंडीज के बीच वर्ल्डकप का पहला मैच 9 जून 1979 में खेल गया था, और वेस्ट-इंडीज ने इस मैच को 9 विकेट से जीता था। वेस्ट-इंडीज उस वक़्त सबसे बेहतरीन टीम मानी जाती थी। बेहतरीन खेल की वजह से वेस्ट-इंडीज ने 1975 और 1979 के वर्ल्डकप भी जीते थे। 1975 में हुए पहले वर्ल्डकप में दोनों टीम अलग-अलग ग्रुप में थी। इसकी वजह से कोई भी मैच एक दूसरे से खेल नहीं पाई थीं।

चलिए 1983 वर्ल्डकप की बात करते हैं। 1983 वर्ल्डकप के पहले मैच में भारत और वेस्ट-इंडीज 9 जून 1983 को ओल्ड ट्राफ्फोर्ड में भिड़े थे। ऐसा लग रहा था कि भारत एक कमजोर टीम है और इस वजह से वह मैच हार जाएगा। लेकिन बहुत बड़ा उलट-फेर करते हुए भारत ने यह मैच को 34 रन से जीता। वेस्ट-इंडीज जैसी टीम को हराना भारत के लिए बहुत बड़ी बात थी। वेस्ट-इंडीज की यह वर्ल्डकप के इतिहास में पहली हार थी। इससे पहले वेस्ट-इंडीज ने वर्ल्डकप में दस मैच खेले थे और 9 में जीत हासिल की थी, जबकी एक मैच बारिश की वजह से रद्द कर दिया गया था और यह भारत की वर्ल्डकप के इतिहास में दूसरी जीत थी।

इससे पहले भारत ने वर्ल्डकप में 6 मैच खेले थे और सिर्फ एक मैच ईस्ट-अफ्रीका के खिलाफ जीता था। 1983 के इस मैच में यशपाल शर्मा ने बेहतरीन बैटिंग करते हुए 89 रन की पारी खेली थी। 1983 वर्ल्डकप में वेस्ट-इंडीज और भारत दूसरी बार 15 जून 1983 में कन्निंगटन ओवल में भिड़े थे। वेस्ट-इंडीज ने इस मैच को 66 रन से जीता था और भारत से पहला मैच हारने का बदला लिया था। इसके बाद दोनों टीम 1983 वर्ल्डकप के फाइनल में पहुंचे थे। 25 जून 1983 को लॉर्ड्स में खेले गए इस फाइनल मैच को भारत ने 43 रन से जीता था और वर्ल्डकप जीतने का इतिहास रचा था।
 
1987 वर्ल्डकप में जहां भारत ग्रुप-ए में था वहीं वेट-इंडीज ग्रुप-बी में थी। अलग-अलग ग्रुप में होने की वजह से दोनों टीम के बीच कोई भी मैच नहीं हुआ। 1992 वर्ल्डकप में दोनों टीम फिर एक बार भिड़े। 10 मार्च 1992 को वेलिंगटन में खेले गए इस मैच को वेस्ट-इंडीज ने पांच विकेट से जीता।

1996 से लेकर 2011 तक भारत और वेस्ट-इंडीज के बीच सिर्फ दो बार मुक़ाबला हुआ और दोनों ही मैच भारत जीता। 21 फरवरी 1996 को दोनों टीम के बीच ग्वालियर में हुए मैच में भारत ने वेस्ट-इंडीज को पांच विकेट से हराया था। वेस्ट-इंडीज ने भारत के सामने 174 रन का विजय लक्ष्य रखा था और भारत ने 39.4 ओवर में इस लक्ष्य प्राप्त कर लिया। सचिन तेंदुलकर ने शानदार 70 रन की पारी खेली थी।

20 मार्च 2011 को चेन्नई में हुए मैच में भारत ने वेस्ट-इंडीज को 80 रन से हराया था। भारत की तरफ से युवराज सिंह ने शानदार 113 रन की पारी खेली थी और 'मैन ऑफ़ द मैच' का ख़िताब भी जीता था।

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वर्ल्डकप के नजरिए से देखा जाये तो भारत का प्रदर्शन वेस्ट-इंडीज से अच्छा रहा है। 1983 के वर्ल्डकप के बाद वेस्ट-इंडीज कभी भी फाइनल तक नहीं पहुंच पाई है, और सिर्फ एक बार सेमी फाइनल तक पहुंची है। लेकिन भारत 1983 वर्ल्डकप जीतने के बाद 1987 और 1996 में सेमीफइनल तक पहुंचा था, और 2003 और 2011 में फाइनल तक पहुंचा था। 2003 में भारत, ऑस्ट्रेलिया से फाइनल में हार गया था जबकि 2011 में भारत ने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार वर्ल्डकप जीतने का इतिहास रचा था। इस बार वेस्ट-इंडीज की टीम काफी कमजोर नज़र आ रही है। सिर्फ क्रिस गेल को छोड़ कर कोई भी खिलाड़ी फॉर्म में नज़र नहीं आ रहा है। लेकिन अगर गेल टिक गए तो भारत से मैच छीन सकते हैं। अगर भारत ने गेल को जल्दी आउट कर दिया तो आसानी से मैच जीत सकता है।