राज्‍यसभा की 'बड़ी लड़ाई' ने कांग्रेस के मतभेदों को क‍िया उजागर...

राहुल गांधी ने दो बातें बताईं जो वास्‍तव‍िकता के व‍िपरीत प्रतीत होती हैं: यह क‍ि वे अब कांग्रेस अध्‍यक्ष नहीं हैं, ऐसे में राज्‍यसभा की सीट के बारे में फैसले पर वे कुछ नहीं कर सके. इसके साथ यह क‍ि इस बात से फर्क नहीं पड़ता क‍ि कौन टीम में है और क‍िसे दरक‍िनार या अहम‍ियत दी जा रही है क्‍योंक‍ि वे देश के युवाओं को अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में बताने को लेकर अध‍िक उत्‍सुक हैं.

राज्‍यसभा की 'बड़ी लड़ाई' ने कांग्रेस के मतभेदों को क‍िया उजागर...

राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया

नेताओं और पार्ट‍ियों के बीच इस समय राज्‍यसभा की करीब 50 सीटों (Rajya Sabha seats)के ल‍िए वास्‍तव‍िक 'स‍ियासी खेल' खेला जा रहा है. इससे माह के अंत में फैसला होगा क‍ि सत्‍ता के स‍िंहासन तक कौन पहुंचेगा. राज्‍यसभा चुनाव के ल‍िए नामांकन का दौर चल रहा है. सबसे बड़ी बात यह है क‍ि कांग्रेस पार्टी (Congress)की इसके सहयोगी लालू यादव की पार्टी आरजेडी (Lalu Yadav's RJD) की ओर से अनदेखी की जा रही है और पुरानी पार्टी मान-मनौव्‍वल में लगी है. पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कल उस समय नरम रुख अपनाते नजर आए जब उनसे ज्‍योत‍िराद‍ित्‍य स‍िंध‍िया (Jyotiraditya Scindia) की बीजेपी (49 वर्षीय स‍िंध‍िया को मध्‍यप्रदेश से अपनी नाई पार्टी की ओर से राज्‍यसभा सीट म‍िली है) में सनसनीखेज एंट्री के बारे में पूछा गया. राहुल से युवा नेताओं से उनकी पार्टी से होते मोहभंग के बारे में पूछा गया था.  

राहुल गांधी ने दो बातें बताईं जो वास्‍तव‍िकता के व‍िपरीत प्रतीत होती हैं: यह क‍ि वे अब कांग्रेस अध्‍यक्ष नहीं हैं, ऐसे में राज्‍यसभा की सीट के बारे में फैसले पर वे कुछ नहीं कर सके. इसके साथ यह क‍ि इस बात से फर्क नहीं पड़ता क‍ि कौन टीम में है और क‍िसे दरक‍िनार या अहम‍ियत दी जा रही है क्‍योंक‍ि वे देश के युवाओं को अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में बताने को लेकर अध‍िक उत्‍सुक हैं. हालांक‍ि मौजूदा समय में राहुल के पसंदीदा केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) राजस्‍थान से और राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के वकील रहे केटीएस तुलसी (KTS Tulsi) छत्तीसगढ़ से एक-एक सीट के ल‍िए नामांकन पाने में सफल रहे हैं. तुलसी इससे पहले राज्‍यसभा में सरकार की ओर से नाम‍ित कोटे का ह‍िस्‍सा थे.

हर‍ियाणा से कांग्रेस के वर‍िष्‍ठ नेता भूप‍िंदर स‍िंह हुड्डा ने गांधी पर‍िवार के अध‍िकार की सीमा को परखते हुए अपने बेटे दीपेंदर हुड्डा के राज्‍यसभा में नामांकन के ल‍िए आग्रह क‍िया था लेक‍िन हुड्डा सीन‍ियर साफ तौर पर अपने लंबे समय के व‍िरोधी, पार्टी की राज्‍य कांग्रेस प्रमुख कुमारी सेलजा और पार्टी की कम्‍युन‍िकेशन सेल के प्रमुख रणदीप स‍िंह सुरजेवाला के पक्ष में नहीं थे. ऐसे में वर्ष 2016 की अप्र‍िय स्‍थ‍ित‍ि के दोहराव होने से डरकर गांधी पर‍िवार ने उनके पक्ष में राय दी थी. वर्ष 2016 में हुड्डा के व‍िधायकों के वोट आश्‍चर्यजनक रूप से अवैध पाए गए थे और आध‍िकार‍िक तौर पर कांग्रेस के राज्‍यसभा प्रत्‍याशी आरके आनंद को हार का सामना करना पड़ा था. संभवत: हर‍ियाणा में स‍िंध‍िया की तरह की बगावत को टालने के इरादे से भी यह सहमत‍ि दी गई.

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मध्‍यप्रदेश में पूर्व मुख्‍यमंत्री द‍िग्‍व‍िजय स‍िंह (Digvijaya Singh) को उनकी राज्‍यसभा सीट से फ‍िर उम्‍मीदवार बनाया गया है. द‍िग्‍व‍िजय और राज्‍य के मौजूदा मुख्‍यमंत्री कमलनाथ पर स‍िंध‍िया को उनके गृहराज्‍य में अध‍िकारहीन रखने वालों के तौर पर देखा जाता है. माना जाता है क‍ि इसी कारण स‍िंध‍िया को नई पार्टी (बीजेपी) की ओर रुख करना पड़ा. द‍िग्‍व‍िजय ने अपना नामांकन दाख‍िल कर द‍िया है और भोपाल पहुंच गए हैं. वे स‍िध‍िंया और उनके वफादार 20 व‍िधायकों के इस्‍तीफे से बनी स्‍थ‍ित‍ि से कमलनाथ सरकार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. एक युवा कांग्रेस नेता ने कहा, 'स‍िंह को मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस को संकट में डालने के ल‍िए पुरस्‍कृत क‍िया गया है.'

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उच्‍च सदन के ल‍िए नामांकन कांग्रेस में शक्‍ति संतुलन को दर्शाता है. संयमशील सच‍िन पायलट को, ज‍िनके राजस्‍थान के उपमुख्‍यमंत्री के तौर पर अपने बॉस अशोक गहलोत के साथ खटासपूर्ण संबंध है, सोन‍िया गांधी के साथ बैठक करके जोधपुर के एक ज्‍वैलर को राज्‍यसभा में भेजने की गहलोत की कोश‍िश के ख‍िलाफ 'चेतावनी' देनी पड़ी. यह बैठक स‍िंध‍िया के बीजेपी में जानरे के पहले हुई थी. फलस्‍वरूप इस ज्‍वैलर को ड्रॉप कर द‍िया गया लेक‍िन यह पायलट की आधी ही जीत है क्‍योंक‍ि गहलोत के व‍िश्‍वस्‍त और राज्‍य कांग्रेस के महासच‍िव सीट पाने में सफल रहे हैं. लगातार अनदेखी से पायलट खफा हैं और संभवत: जल्‍द ही गहलोत के ख‍िलाफ 'सामने' आ सकते हैं.

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कांग्रेस की ओर से शॉर्टल‍िस्‍ट की गई सूची में राजीव सातव अकेले युवा तुर्क हैं. सातव यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रमुख है और इस समय गुजरात के प्रभारी है. रेस में मुकुल वासन‍िक और प्र‍ियंका गांधी के नजदीकी माने जाने वाले राजीव शुक्‍ला भी थे. शुक्‍ला ने ट्वीट करते हुए घोषणा ही कर दी क‍ि सोन‍िया गांधी की ओर से उन्‍हें सीट ऑफर की गई थी लेकिन संगठन के कार्यों की खात‍िर उन्‍होंने इसे 'ठुकरा' द‍िया है. इस संकेत ने कांग्रेस पार्टी में नाराजगी बढ़ा दी. आरजेडी, ज‍िसके साथ कांग्रेस का ब‍िहार में गठबंधन है और राज्‍य में आगामी व‍िधानसभा चुनाव दोनों पार्ट‍ियां म‍िलकर लड़ेंगी, ने एक सीट के ल‍िए सोन‍िया गांधी के आग्रह को ठुकरा द‍िया और अपने ही पार्टी के सदस्‍य प्रेमचंद गुप्‍ता को प्रत्‍याशी बनाया है. लालू प्रसाद यादव के पर‍िवार के संकटमोचक माने जाने वाले प्रेमचंद गुप्‍ता और अमरेंद्र धारी स‍िंह ब‍िहार से उद्यमी हैं.

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प्र‍ियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra)ने राज्‍यसभा में प्रत‍िन‍िध‍ित्‍व की कई राज्‍य इकाइयों के अनुरोध के ठुकराते हुए कहा है क‍ि वे अपना पूरा ध्‍यान यूपी की राजनीत‍ि पर केंद्र‍ित करेंगी और 80 संसदीय सीटों वाले राज्‍य में पार्टी को पुनर्जीव‍ित करने के ल‍िए जुटेंगी. कुल म‍िलाकर राज्‍यसभा की बड़ी फाइट ने लोगों में यह संकेत द‍िया है क‍ि पार्टी के असंतुष्‍ट धड़ों के बीच शांत‍ि कायम करने के गांधी पर‍िवार के अध‍िकार का प्रभाव भी कम हो रहा है. युवा बनाम वर‍िष्‍ठ का यह व‍िभाजन पार्टी को दोफाड़ करने पर आमादा है और स‍िंध‍िया की व‍िदाई ने इसके 'दरवाजे' खोल द‍िए हैं. ऐसा लगता है क‍ि राज्‍यसभा की सूची क‍िसी को भी संतुष्‍ट नहीं कर पाई है. राहुल गांधी अभी भी रूठे हुए से और यह संकेत दे रह हैं क‍ि मेरे बाद, संकट की स्‍थ‍ित‍ि है. अध्‍यक्ष सोन‍िया गांधी पार्टी में 24X7 चल रही 'जंग'  को रोक नहीं पा रही हैं. इस समय पार्टी के पास न कोई संदेश है और न संदेशवाहक.

स्‍वाति चतुर्वेदी लेखिका तथा पत्रकार हैं, जो 'इंडियन एक्सप्रेस', 'द स्टेट्समैन' तथा 'द हिन्दुस्तान टाइम्स' के साथ काम कर चुकी हैं...

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