यह ख़बर 05 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

उमाशंकर सिंह की कलम से : भारत ने पहुंचाया मालदीव को पानी...

नई दिल्ली:

मालदीव की राजधानी माले में पीने के पानी की गंभीर समस्या पैदा हो गई है, और ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले एकमात्र पंप स्टेशन में आग लग गई। शहर में पानी की आपूर्ति ठप्प हो जाने के बाद मालदीव ने गुरुवार रात ही इस समस्या का ज़िक्र भारत से किया, और पानी आपूर्ति का अनुरोध किया।

मालदीव की विदेशमंत्री दुनिया मौमून ने गुरुवार रात ही भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से बात की और पानी की आपात ज़रूरत की जानकारी दी। मामले की गंभीरता को समझते हुए सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की, और उन्होंने बिना वक्त गंवाए तुरंत ज़रूरी क़दम उठाने के निर्देश दिए।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट के जरिये जानकारी दी कि आग की वजह से पानी संशोधन प्लांट में गड़बड़ी के कारण पानी की जो किल्लत पैदा हुई है, उसमें भारत हर ज़रूरी सहायता देगा।

भारतीय उच्चायोग के मुताबिक, भारत और मालदीव के बीच मजबूत, दोस्ताना और नजदीकी रिश्तों को ध्यान में रखते हुए भारत ने मालदीव की ओर से की गई गुजारिश पर तत्काल और त्वरित प्रतिक्रिया दी। पहला विमान (आईएल 76) आज दिन के 1:15 बजे माले पहुंचा, जिसमें पानी की खेप थी। इसके बाद दो और विमान आईएल-76 और सी-17 भी पानी लेकर पहुंचेंगे।

इसके अलावा भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस सुकन्या आज रात माले पहुंचेगा और पानी की किल्लत से निपटने में मदद करेगा। यह अपने साथ 35 टन ताजा पानी और दो आरओ संयंत्र लेकर रवाना हुआ है। यह आरओ एक दिन में 20 टन पानी को पीने लायक बना सकता है। वहीं आईएनएस दीपक भी मुंबई से रवाना हुआ है। इसके अलावा दो और गश्ती पोतों को भविष्य की जरूरतों के लिए खड़ा रखा गया है।

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ज्ञात हो कि मालदीव करीब 1,000 द्वीपों वाला देश है, जो खाद्यान्न से लेकर अपनी कई मूलभूत ज़रूरतों के लिए भारत पर निर्भर है। वैसे तो यह पानी से ही घिरा देश है, लेकिन खारा पानी पीने के काम का नहीं, इसलिए पानी को साफ करने वाला प्लांट खराब हुआ तो पीने के पानी के लिए हाहाकार मचने लगा। भारत से तुरंत मिली सहायता पर मालदीव ने भारत का शुक्रिया अदा किया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)