...जब अरविंद केजरीवाल नहीं मिल पाए थे नरेंद्र मोदी से

गांधीनगर में केजरीवाल (फाइल चित्र)

अहमदाबाद:

गुरुवार सुबह जब अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो मोदी ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। दोनों नेता हंसकर मिले। तब मुझे याद आया वह दिन, जब केजरीवाल मोदी से मिलना चाह रहे थे और गुजरात के सैकड़ों पुलिसकर्मी जुटे हुए थे कि किसी भी तरह केजरीवाल मोदी से न मिल पाएं।

उस समय तक नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित हो चुके थे, लोकसभा चुनावों की भी घोषणा हो गई थी। केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके थे और तय हो गया था कि वह चुनाव में नरेंद्र मोदी को चुनौती देंगे, इसीलिए वह चार दिन के दौरे पर गुजरात आए थे। आते ही उन्होंने नरेंद्र मोदी के डेवलपमेंट मॉडल पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे। इन्हीं मुद्दों को लेकर वाराणसी में मोदी के सामने सवाल उठाए जाने थे, इसलिए गुजरात सरकार कुछ ज़्यादा ही चौकन्नी थी।

केजरीवाल दो दिन तक गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में घूमते रहे और मोदी सरकार के कामकाज को लेकर कई सवाल उठाए। 7 मार्च को केजरीवाल को दिल्ली लौटना था। सुबह साढ़े नौ बजे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी थी। हम सुबह-सवेरे ही पहुंच गए थे, उसे कवर करने। केजरीवाल ने मोदी सरकार के कामकाज पर कई सवाल उठाए और फिर अचानक घोषणा की कि वह जा रहे हैं नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए और उनसे मिलकर उनसे पूछेंगे कि आखिर इन मुद्दों पर उनका क्या कहना है।

इतना कहकर वह मोदी से मिलने के लिए अहमदाबाद से गांधीनगर रवाना हो गए। मीडिया की टीमें भी पीछे-पीछे पहुंचीं, क्योंकि उस मुलाकात को भी तो कवर करना था, लेकिन मोदी के निवास स्थान से करीब तीन किलोमीटर पहले ही पुलिस ने अरविंद केजरीवाल को रोक लिया। 200 से ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए थे। अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में सवाल उठाया कि वह सिर्फ मोदी से मिलना चाहते हैं, और मिलने में उन्हें क्या आपत्ति है...?

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केजरीवाल को करीब दो घंटे तक वहां रोककर रखा गया। इस दौरान केजरीवाल की ओर से मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री कार्यालय भेजे गए और मोदी के पीए ने कहा कि आपका कागज रख लिया है, मोदीजी ने समय दिया तो भविष्य में मिलने बुलाएंगे, लेकिन करीब एक साल होने को आया, लेकिन मोदी ने केजरीवाल को समय नहीं दिया। आखिरकार, अब केजरीवाल और मोदी की मुलाकात हो ही गई और केजरीवाल का एक साल का इंतज़ार खत्म हुआ।