यह ख़बर 21 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मनीष कुमार की कलम से : कौन बनेगा झारखंड का मुख्यमंत्री?

अर्जुन मुंडा की फाइल तस्वीर

रांची:

झारखंड में एक्जिट पोल के नतीजे आने के बाद सबकी जुबान पर एक ही सवाल है, 'कौन बनेगा मुख्यमंत्री?'

आप रांची में हैं और झारखंड के चुनाव पर नजर रखे हुए हैं, तो आज की तारीख में इसका जवाब किसी के पास साफ तौर पर नहीं है।

सब नामों की चर्चा तो करते हैं, लेकिन असल जवाब, जिसमें एक प्रश्न भी छिपा होता है वह यह कि इस सवाल का जवाब केवल दो व्यक्तियों के पास है। वे हैं - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह।

जो पार्टी के दिल्ली के नेता हैं, उनका कहना है कि एक बार रिजल्ट आ जाने दीजिए, नाम भी मालूम चल जाएगा। लेकिन नाम किसका होगा और वह आदिवासी होगा या गैर-आदिवासी यह सब कुछ चुनाव परिणाम के असल संख्या पर निर्भर करता है।

अलबत्ता कुछ चीजें स्पष्ट हैं कि अगर पार्टी को प्रचंड बहुमत नहीं मिला, तो वह साफ-सुथरी छवि के नेता को कुर्सी देने पर पुनर्विचार कर सकती है।

अगर बीजेपी को बहुमत का आंकड़ा नहीं मिला तथा एक बार फिर मिलीजुली सरकार बनाने की नौबत आई, तो सत्ता की बागडोर एक बार फिर तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके अर्जुन मुंडा को सौंपी जा सकती है। अर्जुन मुंडा को मिलीजुली सरकार चलाने में महारत हासिल है।

लेकिन पार्टी को यकीन है कि शायद मुंडे को एक बार फिर सत्ता की बागडोर सौंपने की नौबत नहीं आएगी और उसे अपने बलबूते बहुमत का आंकड़ा मिल जाएगा। ऐसे में निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह झारखंड को नए साल के गिफ्ट के रूप में किसी साफ-सुथरी छवि के नेता को राज्य की गद्दी सौंपेंगे, क्योंकि झारखंड की जनता की उनसे यह अपेक्षा है।


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