क्‍या गलत कर्ज देने वालों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई होगी?

क्‍या गलत कर्ज देने वालों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई होगी?

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को कहा है कि वो छह हफ़्तों के भीतर उन उद्योग घरानों की लिस्ट दें जिनका बकाया 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। देश के 29 राष्ट्रीय बैंकों ने 1 लाख 14 हज़ार करोड़ के डूबे कर्जों को 2013-14 में माफ़ किया, ये उनके पिछले 9 सालों में डूबे हुए कर्ज़ के रिकॉर्ड से कहीं ज्यादा है।

साल 2004-12 तक सार्वजनिक बैंकों के डूबे कर्ज़ों की हालत 4% के दर से बढ़ी लेकिन बड़ी हैरानी की बात ये है कि यही दर 2013-15 के बीच 4% की बजाय 7% तक चली गई। इसके लिए कांग्रेस से लेकर मौजूदा सरकार दोनों को जवाब देना होगा, इसके साथ ही ये बात भी साफ हो जाएगी कि बैंकों में पड़ा जनता का पैसा गलत कर्ज़ों में देने के लिए कौन लोग ज़िम्मेदार थे और क्या कभी उस सिस्टम को चलाने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई होगी।

(अभिज्ञान प्रकाश एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं)

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