इस मामले पर कुछ 'धर्मयोद्धा' मन ही मन नाराज़ हैं, लेकिन आएदिन हर विषय पर राय रखने वाले इन 'धर्मयोद्धाओं' के होठ सिल गए हैं. दरअसल, ये बड़ा धर्म देख रहे हैं. ये धर्म की व्यापकता में भरोसा रखते हैं. यही वजह है कि इनके मुख से कोई आवाज़ नहीं आई, और जब मूर्ति का अनावरण हो रहा था, तो यही धर्मयोद्धा तालियां बजा रहे थे.