Hindi Diwas 2023: हिंदी दिवस पर बॉलीवुड की 5 फिल्में जिन्हें देख आपका बढ़ेगा अपनी भाषा के प्रति लगाव

Hindi Diwas 2023: हिंदी दिवस यानी 14 सितंबर पर हम आपके लिए कुछ ऐसी फिल्में लाए हैं जिन्हें देखकर आपका भी अपनीा भाषा के प्रति लगाव बढ़ेगा.

Hindi Diwas 2023: हिंदी दिवस पर बॉलीवुड की 5 फिल्में जिन्हें देख आपका बढ़ेगा अपनी भाषा के प्रति लगाव

Hindi Diwas 2023: हिंदी दिवस पर पेश है कुछ खास फिल्में

खास बातें

  • हिंदी दिवस पर देखें ये फिल्में
  • 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस
  • हिंदी भाषा की बात करती हैं ये पांच फिल्में
नई दिल्ली:

Hindi Diwas 2023: हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया था कि हिंदी भारत की राजभाषा होगी. इस फैसले के बाद राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. आज हिंदी दिवस पूरे देश गर्व से मनाया जा रहा है. बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में आईं जहां हिंदी को महत्व दिया गया. हिंदी दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी फिल्मों के बारे में जिन्हें देख आपको भी होगा हिंदी भाषी होने पर गर्व...

हिंदी मीडियम (Hindi Midium)
इस फिल्म की कहानी दिल्ली में रहने वाले एक व्यापारी राज बत्रा की है, जो दिल्ली में शादी में उपयोग होने वाले कपड़ों का व्यापार करते रहता है. वह अमीर होता है, लेकिन अच्छी तरह अंग्रेजी नहीं जानता. फिल्म में इरफान खान और सबा कमर लीड रोल में हैं. 'हिंदी मीडियम' अंग्रेजी बोलने वालों और न बोलने वाले के बीच के अंतर और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है.

नमस्ते लंदन (Namastey London)
'नमस्ते लंदन' में भला अक्षय कुमार की वो स्पीच कैसे भुलाई जा सकती है उन्होंने कैटरीना कैफ की सगाई के दौरान दी थी जिसमें भारत की सभ्यता के साथ साथ हिंदी का महत्व समझाया था. इससे ना सिर्फ फिल्म में कैटरीना उनसे इंप्रेस हो गई थी बल्कि हिंदी प्रेमियों ने भी हॉल में खड़े होकर तालियां बजाई थीं. फिल्म में बताया गया है कि अंग्रेजी बोलने वाले ही क्लासी नहीं होते. हिंदी बोलने वाले भी बाजी मार सकते हैं.

इंग्लिश विंग्लिश (English Wnglish)
'इंग्लिश विंग्लिश' फिल्म में लीड रोल श्रीदेवी ने निभाया है, जिसका नाम शशि है. जो अंग्रेजी भाषा में अपने आपको व्यक्त नहीं कर पाती. उसकी 12 साल की लड़की पैरेंट्स-टीचर मीटिंग में अपनी मां को ले जाने में शर्मिंदगी महसूस करती है.  शशि अपनी बहन की बेटी की शादी के लिए न्यूयॉर्क जाती है और वहां अंग्रेजी सीखने का फैसला करती है. फिल्म में यह बताने की कोशिश की गई है कि भारत में अंग्रेजी का हौव्वा बनाया गया है और माहौल ऐसा बनाया गया है कि अंग्रेजी में बात करना विद्वता की निशानी है. टूटी-फूटी हिंदी या क्षेत्रीय भाषा यदि कोई बोलता है तो उसका कोई मजाक नहीं बनाया जाता.

चुपके चुपके (Chupke Chupke)
साल 1975 में आई फिल्म 'चुपके चुपके' एक कॉमेडी फिल्म है जो हिन्दी के इर्द गिर्द घूमती है. इस फिल्म में धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन और ओम प्रकाश लीड रोल में हैं.

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गोलमाल (Golmaal)
साल 1979 में आई अमोल पालेकर की फिल्म 'गोलमाल' में भी बड़े ही रोचक ढंग से हिंदी के महत्व को समझाया गया है. फिल्म में उनके साथ उत्पल दत्त, बिन्दिया गोस्वामी, दीना पाठक, ओम प्रकाश, युनुस परवेज औऱ अमिताभ बच्चन ने भी अहम किरदार निभाया था.