Mani Ratnam Birthday Special: दक्षिण का फिल्मकार जिसका जादू बॉलीवुड के भी सिर चढ़कर बोलता है

मणिरत्नम (Mani Ratnam) की पहचान दक्षिण भारत के एक फिल्मकार की है. लेकिन बॉलीवुड का शायद ही कोई ऐसा स्टार होगा जो उनके साथ काम करने की हसरत न रखता हो.

Mani Ratnam Birthday Special: दक्षिण का फिल्मकार जिसका जादू बॉलीवुड के भी सिर चढ़कर बोलता है

Mani Ratnam Birthday Special: सिनेमा के जादूगर हैं मणिरत्नम

नई दिल्ली :

Mani Ratnam Birthday Special: वैसे तो वे उनकी पहचान दक्षिण भारत के एक फिल्मकार (Filmmaker) की है. लेकिन बॉलीवुड (Bollywood) का शायद ही कोई ऐसा स्टार होगा जो उनके साथ काम करने की हसरत न रखता हो. नए कलाकारों के लिए तो उनके साथ काम करना किसी सपने के सच होने के समान है. वैसे तो मणिरत्नम (Mani Ratnam) ने अपने करीब 4 दशक के फिल्मी करियर में कई बेहतरीन फिल्में बनाई, उन सभी के बारे में तो यहां चर्चा करना मुमकिन नहीं है. हम बात करेंगे मणिरत्नम की उन फिल्मों की जिनके कारण वे न केवल साउथ बल्कि हिंदी भाषी दर्शकों के बीच भी अपनी गहरी पैठ बना चुके हैं. मणिरत्नम की पहली हिन्दी फिल्म 1998 में रिलीज हुई फिल्म ‘दिल से' थी. लेकिन इस फिल्म के पहले ही मणिरत्नम का जादू हिन्दी भाषी दर्शकों के सिर चढ़ चुका था. आइए जानते हैं मणिरत्नम की ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में...

नायकन (Nayakan)

ये वह फिल्म थी जिसे मणिरत्नम की ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दी. प्रतिष्ठित टाइम मैग्जीन ने अपनी 100 सर्वकालिक महान फिल्मों की सूची में नायकन को भी शामिल किया था. मूल रूप से तमिल भाषा में बनी ये फिल्म हिन्दी में भी डब की गई. ये फिल्म मुंबई अंडरवर्ल्ड के वरदराजन मुदलियार के जीवन पर आधारित बताई जाती है. वरदराजन के जीवन पर आधारित किरदार वेलू नायकन की भूमिका कमल हसन निभाई. बेहतरीन अदाकारी, दमदार निर्देशन और कसी हुई पटकथा और दिल को छू लेने वाले संगीत की वजह से इसे आज भी क्लासिक का दर्जा हासिल है. फिल्म की सफलता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसी कथानक को लेकर फिरोज खान ने विनोद खन्ना को लेकर फिल्म ‘दयावान' का निर्माण किया. दयावान को भी काफी पसंद किया गया.

अंजली (Anjali)

1990 में तमिल भाषा में बनी यह फिल्म मानसिक बीमारी से जूझ रही बच्ची और उसके परिवार पर आधारित थी. भले ही फिल्म मूल रूप से तमिल भाषा में थी, लेकिन हिन्दी में डब होने के बाद इसे हिन्दी में भी काफी पसंद किया गया. इलैयाराजा द्वारा संगीतबद्ध इस फिल्म के हिन्दी में डब किए गए गाने भी उस वक्त लोगों की जुबां पर चढ़ गए थे. इस फिल्म को IMBD  ने 8.2 की रेटिंग दी है.

रोजा (Roja)

1992 में इस फिल्म को तमिल भाषा में बनाया गया था. लेकिन ये हिन्दी, मराठी, तेलगु भाषा में भी रिलीज की गई. फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला के इर्द-गिर्द घूमती है जिसके पति का आतंकी संगठन अपहरण कर लेते हैं. फिल्म का संगीत बेहद हिट रहा था. और तभी से मणिरत्नम के साथ ए. आर. रहमान की जोड़ी बन गई. इस फिल्म ने दक्षिण भारतीय अभिनेता अरविंद स्वामी को भी हिन्दी भाषी दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया था.

बॉम्बे (Bombay)

ये फिल्म 1995 में काफी विवाद के बाद रिलीज हुई थी. इस फिल्म की कहानी एक हिंदू लड़के और मुस्लिम लड़की के प्रेम पर आधारित थी. दक्षिण भारत से शुरू हुई ये प्रेम कहानी मुंबई दंगों से जुड़ जाती है. फिल्म में उस वक्त की नामचीन अभिनेत्री मनीषा कोइराला और अरविंद स्वामी को लिया गया था. फिल्म का संगीत बेहद हिट रहा था. सोनाली बेन्द्रे पर फिल्माए गाने ‘हम्मा हम्मा' ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे.

दिल से (Dil Se)

1998 में आई मणिरत्नम की इस फिल्म का म्यूजिक और गाने जबरदस्त हिट रहे. आतंकवाद और प्रेम के बीच झूलती दो युवाओं पर केन्द्रित इस कहानी में शाहरुख खान, मनीषा कोइराला और प्रीति जिंटा जैसे सितारे थे. इस फिल्म को बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में विशेष पुरस्कार प्राप्त हुआ था. फिल्म का मशहूर गीत ‘चल छैंय्या छैंय्या..' आज भी लोगों की जुबान पर रहता है.

गुरु (Guru)

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ये फिल्म धीरूभाई अंबानी के किरदार पर आधारित कही जाती है. कहते हैं कि मणिरत्नम किसी भी फिल्म कलाकार के अंदर से उसका सर्वश्रेष्ठ बाहर ला सकते हैं. शायद इसीलिए इस फिल्म को अभिषेक बच्चन के जीवन की सबसे अच्छी फिल्मों में शामिल किया जाता है. इस फिल्म को समीक्षकों द्वारा काफी सराहा गया. इसके अलावा मणिरत्नम की ‘रावण' और ‘युवा' जैसी फिल्मों को भी सराहना मिली है.