मनीषा कोइराला ने नेपाल का किया सपोर्ट, लिखा- हमारे छोटे से देश की प्रतिष्ठा बनाए रखने...

नेपाल (Nepal) के भारतीय क्षेत्र को अपने नक्शे में दर्शाने और उस राजनीतिक मानचित्र को कैबिनेट में पास करवाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा ऐतराज जताया है. इसे लेकर बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) ने भी ट्वीट किया है.

मनीषा कोइराला ने नेपाल का किया सपोर्ट, लिखा- हमारे छोटे से देश की प्रतिष्ठा बनाए रखने...

मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) ने नेपाल मसले पर किया ट्वीट

खास बातें

  • नेपाल मसले पर मनीषा कोइराला ने किया ट्वीट
  • वायरल हो रहा है मनीषा का ट्वीट
  • फैन्स ट्विटर पर दिखा रहे हैं गुस्सा
नई दिल्ली:

नेपाल (Nepal) के भारतीय क्षेत्र को अपने नक्शे में दर्शाने और उस राजनीतिक मानचित्र को कैबिनेट में पास करवाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा ऐतराज जताया है. इसे लेकर बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने भी ट्वीट किया है. (Manisha Koirala) ने नेपाल के पक्ष में ट्वीट किया है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर रिएक्शन भी आ रहे हैं. वहां, भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल के दावे पर कहा है कि एकपक्षीय कार्रवाई ऐतिहासिक तथ्यों, प्रमाणों पर आधारित नहीं है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि नेपाल द्वारा नया नक्शा जारी किया जाना, सीमा संबंधी मुद्दों को बातचीत के जरिये हल किए जाने की द्विपक्षीय समझ के विपरीत है. वहीं मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) ने अपने देश की प्रतिष्ठा बचाए रखने की बात कही है. 

मनीषा कोइराला (Manisha Koirala ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'हमारे छोटे से देश की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए धन्यवाद. हम सभी तीन महान देशों के बीच शांतिपूर्ण और सम्मानजनक संवाद की राह तक रहे हैं.' मनीषा कोइराला के इस ट्वीट पर फैन्स के खूब रिएक्शन आ रहे हैं, और उनकी जमकर आलोचना भी कर रहे हैं. 

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बता दें कि भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल के कैबिनेट (Nepal Cabinet)ने एक नया राजनीतिक नक्‍शा स्वीकार किया है जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है. विदेश मंत्री (Foreign Minister) प्रदीप कुमार ग्यावली (Pradeep Kumar Gyawali) ने इस कदम की घोषणा से कुछ समय  पहले कहा था कि कूटनीतिक पहलों के जरिए भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास जारी हैं. नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख (Lipulekh, Kalapani & Limpiyadhura) को नेपाल की सीमा में लौटाने की मांग करते हुए संसद में विशेष प्रस्ताव भी रखा था.