मंटो बायोपिक के बाद आई ट्रिलॉजी, रिलीज हुईं तीन शॉर्ट फिल्में

सआदत हसन मंटो (Saadat Hasan Manto) पर इन दिनों तीन शॉर्ट फिल्मों की एक ट्रिलॉजी चर्चा में है. यह शॉर्ट फिल्में एमएक्सप्लेयर पर रिलीज होंगी.

मंटो बायोपिक के बाद आई ट्रिलॉजी, रिलीज हुईं तीन शॉर्ट फिल्में

मंटो (Manto) पर आधारित शॉर्ट फिल्में हुईं रिलीज

खास बातें

  • मंटो पर आधारित शॉर्ट फिल्में हुईं रिलीज
  • एमएक्सप्लेयर पर देख सकते हैं फिल्में
  • मंटो कि जिंदगी से जुड़े हैं किस्से
नई दिल्ली:

उर्दू के महान अफसानानिगार सआदत हसन मंटो (Saadat Hasan Manto) पर इन दिनों तीन शॉर्ट फिल्मों की एक ट्रिलॉजी चर्चा में है. औसतन 15-15 मिनट की इन फिल्मों में मंटो के जीवन के ऐसे पक्ष दिखाए गए हैं, जो बहुत महत्वपूर्ण हैं. मगर उनकी बायोपिक फिल्मों में इनकी चर्चा लगभग नहीं थी. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी निर्देशक सरमद खूसट ने 2015 और भारत की नंदिता दास (Nandita Das) ने 2018 में मंटो की बायोपिक निर्देशित की थीं. मंटो ट्रिलॉजी में शामिल तीन फिल्में हैं, 'मंटो की शादी', 'फ्रॉड मंटो (Fraud Manto)' और 'पहलु जो मंटो ने छुआ-समलिंगी प्यार.'

मंटो के जीवन के विभिन्न प्रसंगों पर 2017 से 2020 तक देश-दुनिया के अलग-अलग फिल्म महोत्सवों में दिखाई गई ये फिल्में अब OTT प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर (MX Player) ने एक साथ रिलीज की हैं. ये फिल्में साहित्य की दुनिया में दिलचस्पी लेने वालों के साथ आम दर्शकों को भी पसंद आ रही हैं. मंटो की शादी, फ्रॉड मंटो और पहलू जो मंटो ने छुआः समलिंगी प्यार का निर्माण श्रीवास नायडु और रवि बुले ने किया है. श्रीवास नायडु ट्रिलॉजी में मंटो के रोल में हैं. 

निर्देशन भी उन्हीं का है. विदेश में ये फिल्में रूस, आयरलैंड, ब्रिटेन, लेबनान, अमेरिका और नाइजीरिया के विभिन्न फिल्म महोत्सवों में दिखाई जा चुकी हैं. जबकि भारत में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरू, कोल्हापुर, इंदौर और सूरत के फिल्म महोत्सवों में इनका प्रदर्शन हुआ.

 ट्रिलॉजी के निर्देशक श्रीनिवास नायडु (Srivas Naidu) ने बताया कि ये फिल्में मंटो के जीवन के तीन महत्वपूर्ण पक्षों को सामने रखती हैं. मंटो अपने जीवन की तीन अहम घटनाओं में शादी को शामिल करते थे. मंटो की शादी में उनके निकाह की उठा-पटक दिखाई गई है. जबकि फ्रॉड मंटो खुद मंटो द्वारा अपने व्यक्तित्व तथा लेखन पर लिखे गए दो लेखों पर आधारित है, जो उनके रचनात्मक जीवन का द्वंद्व सामने लाते हैं.

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तीसरी फिल्म इसलिए खास है क्योंकि स्त्री-पुरुष रिश्तों पर विवादास्पद लेखन करने वाले मंटो से उनके प्रशंसक उनके दौर की चर्चित लेखिका इस्मत चुगताई की लिहाफ जैसी कहानी चाहते थे मगर मंटो ऐसी कोई कहानी नहीं लिख पाए. तीसरी शॉर्ट फिल्म समलिंगी रिश्तों पर मंटो के विचारों का खुलासा करती है. तीनों फिल्मों की स्क्रिप्ट रवि बुले ने लिखी है. इस ट्रिलॉजी में श्रीवास नायडु के साथ स्क्रीन पर रवि बुले, मनोज मिश्रा, संचयिता राव राणा और सोहन राणा ने भी अहम भूमिकाएं निभाई हैं.