प्रीति जिंटा ने निर्भया मामले को लेकर न्यायिक व्यवस्था पर साधा निशाना, बोलीं- कानून को ताक पर रख दिया...

प्रीति जिंटा (Priety Zinta) ने निर्भया केस (Nirbhaya Case) में दोषियों को मिली फांसी की सजा पर ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

प्रीति जिंटा ने निर्भया मामले को लेकर न्यायिक व्यवस्था पर साधा निशाना, बोलीं- कानून को ताक पर रख दिया...

प्रीति जिंटा (Priety Zinta) ने निर्भया मामले को लेकर किया ट्वीट

खास बातें

  • प्रीति जिंटा ने निर्भया मामले को लेकर किया ट्वीट
  • एक्ट्रेस ने फांसी में देरी को लेकर जताया गुस्सा
  • प्रीति जिंटा का ट्वीट हुआ वायरल
नई दिल्ली:

निर्भया मामले (Nirbhaya Case) को लेकर बॉलीवुड कलाकार भी लगातार एक्टिव नजर आ रहे हैं. हाल ही में बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस प्रीति जिंटा (Priety Zinta) ने निर्भया केस में दोषियों को मिली फांसी की सजा पर ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. अपने ट्वीट में प्रीति जिंटा ने निर्भया केस पर रिएक्शन देते हुए कहा कि यदि बलात्कारियों को 2012 में ही लटका दिया जाता तो न्यायिक व्यवस्था महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को रोक देती. प्रीति जिंटा का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है, साथ ही लोग इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं. 

प्रीति जिंटा (Priety Zinta) ने अपने ट्वीट में निर्भया (Nirbhaya Case) के दोषियों पर को मिली फांसी पर रिएक्शन देते हुए लिखा, "अगर 2012 में ही बलात्कारियों को फांसी पर लटका दिया जाता तो न्यायिक व्यवस्था महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोक देती. कानून के डर ने कानून को ताक पर रख दिया. रोक-थाम हमेशा इलाज से बेहतर होता है. यह वक्त है कि भारतीय सरकार न्यायिक सुधारों के लिए कदम उठाए." बता दें कि प्रीति जिंटा ने इससे पहले एक और ट्वीट किया था, जिसने सबका खूब ध्यान खींचा था. 

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अपने अगले ट्वीट में प्रीति जिंटा (Priety Zinta) ने लिखा, "आखिरकार निर्भया (Nirbhaya Case) का केस अपने अंत तक पहुंचा. मैं आशा करती हूं कि यह और भी तेजी से हो सकता था, लेकिन मैं इसपर भी खुश हूं. आखिरकार वह और उसके माता-पिता शांति में रह सकेंगे." बता दें कि निर्भया गैंगरेप और मर्डर के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटका दिया गया. सात साल से ज्यादा लंबे समय के बाद आखिरकर निर्भया को इंसाफ मिल गया. कोर्ट की तरफ से मौत की सजा सुनाए जाने के बाद फांसी के लिए कई तारीखें तय हुईं, लेकिन दोषी कोई न कोई तिकड़म अपनाकर बच ही जाते थे.