सोनू सूद ने मां की 13वीं बरसी पर किया उन्हें याद, बोले- आप होते तो शायद थोड़ा और बेहतर होता

बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) ने अपने ट्विटर हैंडल से अपनी मम्मी की पुरानी तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर को साझा करते हुए उन्होंने अपनी मम्मी को उनकी बरसी पर याद किया है.

सोनू सूद ने मां की 13वीं बरसी पर किया उन्हें याद, बोले- आप होते तो शायद थोड़ा और बेहतर होता

सोनू सूद (Sonu Sood) ने मां को उनकी 13वीं बरसी पर किया याद

खास बातें

  • सोनू सूद ने मां को उनकी 13वीं बरसी पर किया याद
  • एक्टर ने लिखा कि आप होते तो सब चीज और बेहतर होती
  • सोनू सूद का ट्वीट हुआ वायरल
नई दिल्ली:

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) ने अपने काम से लोगों के दिलों में जगह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. वह अकसर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं और उसके जरिए ही लोगों की खूब मदद भी करते हैं. हाल ही में बॉलीवुड एक्टर ने अपने ट्विटर हैंडल से अपनी मम्मी की पुरानी तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर को साझा करते हुए उन्होंने अपनी मम्मी को उनकी बरसी पर याद किया है. सोनू सूद द्वारा साझा की गई उनकी मम्मी की यह फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, साथ ही लोग इसपर जमकर कमेंट भी कर रहे हैं. 

सोनू सूद (Sonu Sood) ने अपनी मम्मी को उनकी तेरहवीं बरसी पर याद किया. उन्होंने मां की पुरानी तस्वीर को साझा करते हुए लिखा, "13अक्टूबर, 13 साल हो गए मां. यहां सब ठीक चल रहा है. आप होते तो शायद थोड़ा और बेहतर होता. आपको बहुत याद कर रहा हूं मां." उनकी इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर भी खूब कमेंट कर रहे हैं. इसके अलावा सोनू सूद ने मां की बरसी पर एक कदम भी उठाया है, जिसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट शेयर कर दी है. अपने ट्वीट में एक्टर ने बताया कि वह आईएएस के उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं. 

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सोनू सूद (Sonu Sood) ने अपनी पो्ट में लिखा, "13 अक्टूबर, मेरी मां को गुजरे हुए 13 साल हो गए हैं. उन्होंने शिक्षा की विरासत को अपने पीछे छोड़ दिया था. आज उनकी बरसी पर मैं प्रोफेसर सरोज सूद छात्रवृत्ति के साथ आईएएस के उम्मीदवारों की मदद करने और उनका समर्थन करने की प्रतिज्ञा लेता हूं. आशीर्वाद की जरूरत है." बता दें कि सोनू सूद ने अपने व्यवहार से लोगों के दिलों में जगह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उन्होंने कई प्रवासी मजदूरों को उनके घर लॉकडाउन के बीच सही सलामत पहुंचाया. इसके साथ ही उन्होंने विदेश में फंसे छात्रों को भी वापस बुलाने में मदद की.