रेल बजट 2016 : आंकड़ों में सुरेश प्रभु के बजट भाषण की 10 खास बातें...

रेल बजट 2016 : आंकड़ों में सुरेश प्रभु के बजट भाषण की 10 खास बातें...

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्ली:

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अगले वित्त वर्ष के लिए रेलवे के योजनागत व्‍यय में खासी बढ़ोतरी की घोषणा की है। उन्‍होंने अपने पिछले बजट की तुलना में कुछ नए प्रोजेक्‍ट और नई रेल लाइनों की भी घोषणा की है। पेश हैं सुरेश प्रभु के रेल बजट भाषण की 10 बड़ी बातें...

1 - वित्त वर्ष 2015-16 के लिए रेलवे का परिचालन अनुपात 90 फीसदी होगा जबकि इसका लक्ष्‍य 88.5 फीसदी था। इस तरह रेलवे प्रत्‍येक एक रुपये के राजस्‍व में 90 पैसे खर्च करेगी जो कि पिछले अनुमान से अधिक है। वित्त वर्ष 17 के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद रेलवे का परिचालन व्‍यय बढ़कर 92 फीसदी हो जाएगा। सातवें वेतन आयोग ने रेलवे के करीब 26 लाख कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए 28450 करोड़ रुपये की वृद्धि की सिफारिश की है।

2 - वित्त वर्ष 2016-17 के लिए रेलवे ने 1.84 लाख करोड़ की राजस्‍व प्राप्ति का लक्ष्‍य रखा है।

3 - रेल विभाग ने 2016-17 में 1.21 करोड़ रुपये के योजना व्यय का प्रस्ताव किया है। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में योजनागत व्‍यय में 20 फीसदी वृद्धि है।

4 - रेलवे को केंद्र सरकार से वित्त वर्ष 2016-17 में बजटीय सहायता के रूप में 40,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। पिछले साल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेलवे के लिए 40000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था लेकिन रेलवे इसे पूरी तरह खर्च नहीं कर सका जिसकी वजह से इसमें से 8000 करोड़ की कटौती हो गई।

5 - सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी जीवन बीमा निगम(एलआईसी) अगले पांच वर्षों में रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये उपलब्‍ध कराएगी। प्रभु ने बताया कि एलआईसी ये पैसे अनुकूल शर्तों पर देगी। रेलवे की अगले 5 वर्षों में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर 8.8 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।

6 - ईंधन और बिजली की कीमतों में कमी के चलते वित्त वर्ष 2015-16 में रेलवे को 8720 करोड़ रुपये की बचत होगी।

7 - 2016-17 के दौरान 2800 किलोमीटर की नई रेलवे लाइनें चालू हो जाएंगी जो कि आजादी के बाद से प्रति वर्ष 200 किलोमीटर से कहीं ज्‍यादा है।

8 - वित्त वर्ष 2017 के दौरान विद्युतीकरण को 50 फीसदी बढ़ाकर 2000 किलोमीटर तक किया जाएगा।

9 - वित्त वर्ष 2015-16 में यात्री किराये में छूट के चलते रेलवे को 30000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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10 - मेक इन इंडिया : रेलवे 40000 करोड़ रुपये के निवेश से दो रेल इंजन कारखानों की स्‍थापना करेगा।