आयकर (Income Tax) छूट की सीमा दोगुनी की जाए : कर सलाहकार कंपनी EY

आयकर (Income Tax) छूट की सीमा दोगुनी की जाए : कर सलाहकार कंपनी EY

आयकर (Income Tax) छूट की सीमा दोगुनी की जाए : कर सलाहकार कंपनी EY (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

सरकार को साधारण आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष करनी चाहिए और कंपनियों को दिया जाने वाला प्रोत्साहन और कटौती जारी रखनी चाहिए ताकि नोटबंदी के बाद उपभोग मांग और निजी निवेश को बढ़ाया जा सके. यह बात ईवाई (EY) के एक सर्वेक्षण में सामने आई है.

कर सलाहकार कंपनी ईवाई के एक बजट पूर्व सर्वेक्षण में 81.42 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कॉरपोरेट कर की दर को मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया जाए और इसमें अधिभार एवं उपकर को अलग रखा जाए.

‘मेक इन इंडिया’ को गति प्रदान करने के लिए 72 प्रतिशत लोगों को उम्मीद है कि सरकार क्षेत्र विशेष के आधार पर प्रोत्साहन और कटौतियां जारी रखेगी. हालांकि अधिकतर उत्तरदाताओं का मानना है कि कॉरपोरेट कर की दरों को कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कर छूटों को खत्म करना जरूरी है ताकि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा किया जा सके.

निजी कर दर को कम करने या संशोधित करने के प्रश्न पर सर्वेक्षण में शामिल करीब 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि निजी आयकर की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष करना चाहिए. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसा पहुंचेगा और इससे उपभोग एवं मांग में वृद्धि होगी.

इसके अलावा 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि शीर्ष आयकर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत किया जाए जो मौजूदा समय में 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत है. इस सर्वेक्षण में 200 से ज्यादा मुख्य वित्त अधिकारियों, वरिष्ठ कर पेशेवरों इत्यादि के विचारों को भी शामिल किया गया है. ईवाई इंडिया के पार्टनर एवं राष्ट्रीय कर लीडर सुधीर कपाड़िया ने कहा कि हाल में बैंकिंग व्यवस्था में कोष डालना और जीएसटी को लाने की दिशा में बढ़ना, ऐसे दो कदम हैं जो सरकार को कर आधार बढ़ाने में मदद करेंगे.


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