बजट 2017- 'चुनाव पूर्व' बजट को लेकर सरकार के ऐलानों पर विपक्ष रख रहा पैनी नजर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: विरोध के बावजूद केंद्र सरकार पहली फरवरी को 2017-18 का आम बजट (Union Budget) पेश करने जा रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि उन्होंने अपनी निगाहें बजट पर लगा दी हैं. चुनाव वाले पांचों राज्यों में से किसी के लिए भी कोई खास ऐलान व्यवधान की वजह बनेगा.
सरकार शांतिपूर्ण बजट सत्र की उम्मीद लगाए हुए है. उसके एजेंडे में 24 नए और पुराने विधेयक हैं जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि वे नोटबंदी के मुद्दे को फिर उठाएंगे. विपक्षी दलों ने मांग की थी कि पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर बजट को बाद की किसी तिथि में पेश किया जाए. मामला निर्वाचन आयोग में पहुंचा. आयोग ने तिथि में बदलाव की बात तो नहीं कही लेकिन निर्देश दिया कि चुनाव वाले राज्यों के लिए बजट में किसी योजना या सुविधा का ऐलान नहीं किया जाए.
आयोग के निर्देश के बावजूद विपक्ष को शक है कि सरकार ऐसी योजना-सुविधा का ऐलान चुनाव वाले राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के लिए कर सकती है. सदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर विधेयक समेत 24 नए एवं पुराने विधेयक लंबित हैं. उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि संसद सामान्य रूप से चलेगी और चर्चा व बहस होगी. सरकार नियमों के तहत और आसन की अनुमति से विपक्ष के उठाए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है."
विपक्षी दलों का कहना है कि उनकी निगाह बजट पर गड़ी रहेगी. सत्र के बारे में पूछने पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि बहुत कुछ बजट पर निर्भर करता है. सिब्बल ने कहा, "हम बजट का विश्लेषण करेंगे और फिर तय करेंगे कि हमारी रणनीति क्या होनी चाहिए. हमें नहीं पता कि बजट कैसा होने जा रहा है." सिब्बल ने यह भी कहा कि नोटबंदी का मुद्दा सत्र के महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक होगा.
सिब्बल ने कहा, "नोटबंदी निश्चित ही एक धन विधेयक है लेकिन अगर यह सरकार जवाबदेही और पारदर्शिता में थोड़ा भी विश्वास रखती है तो इस विधेयक को राज्यसभा में रखा जाना और इस पर मतदान कराना चाहिए. वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें पता है कि इसकी हार तय है."
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी.राजा ने कहा, "हम सर्वदलीय बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अधिकांश विपक्षी दलों ने बजट टालने की अपील की थी लेकिन सरकार ने बात नहीं मानी. मुझे नहीं पता कि इन हालात में बजट कैसे पेश किया जाएगा. सर्वदलीय बैठक में हम इस पर बात करेंगे." राजा ने भी कहा कि नोटबंदी एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगी.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुलतान अहमद ने कहा, "नोटबंदी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है, संसद के अंदर भी और बाहर भी. हम निश्चित ही इसे उठाने जा रहे हैं." उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी सोमवार को करेंगी.