बजट 2017 : अरुण जेटली ने किया बड़ा ऐलान, 1 अप्रैल से नहीं कर सकेंगे 3 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन

बजट 2017 : अरुण जेटली ने किया बड़ा ऐलान, 1 अप्रैल से नहीं कर सकेंगे 3 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन

अब 1 अप्रैल से 3 लाख रुपये से अधिक का कैश ट्रांजैक्शन नहीं होगा

नई दिल्ली:

कालेधन के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में आगामी 1 अप्रैल, 2017 से तीन लाख रुपये से अधिक के सभी प्रकार के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि एक सीमा से अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध कालेधन पर घटित विशेष जांच दल (एसआईटी) की सिफारिशों के आधार पर लगाया जा रहा है. एसआईटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया था. जस्टिस (रिटायर्ड) एमबी शाह की अगुवाई वाली एसआईटी ने कालेधन पर अंकुश लगाने के कदमों पर अपनी पांचवीं रिपोर्ट जुलाई में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी.

एसआईटी ने तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर बैन लगाने का सुझाव देते हुए कहा था कि इस तरह के लेनदेन को गैरकानूनी तथा कानून के तहत दंडात्मक बनाने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए. वित्त मंत्री ने डिजिटल भुगतान ऐप 'भीम' (भारत इंटरफेस फॉर मनी) को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाओं की घोषणा की.

उन्होंने कहा, 'करीब 1.25 करोड़ लोगों ने भीम ऐप अपना लिया है. सरकार 'भीम' के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाएं - रेफरल बोनस और व्यापारियों के लिए एक नकदी वापसी योजना शुरू करेगी.' यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आधारित भीम ऐप 30 दिसंबर को लॉन्च किया गया था. यह गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है.

कालाधन पर गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस घोषणा की सराहना की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि एक व्यक्ति को नकदी रखने की सीमा 15 लाख रुपये करने की उसकी दूसरी सिफारिश यदि लागू की जाती तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का यह 'कहीं बेहतर' उपाय होता.

इस एसआईटी के चेयरमैन जस्टिस (रिटायर्ड) एमबी शाह ने कहा कि कालाधन पर अंकुश लगाने के लिए कुछ 'कड़े कदम' उठाए जाने की जरूरत है, लेकिन सरकार को अर्थशास्त्रियों और अन्य लोगों की सलाह भी माननी पड़ती है.


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