बजट 2018 ब्लॉग

FDI के नए ऐलानों का मतलब...?

FDI के नए ऐलानों का मतलब...?

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हमारी मौजूदा सरकार अर्थशास्त्रियों और पत्रकारों के लिए एक से बढ़कर एक चुनौतियां पेश कर देती है, और अब उसने यह चुनौती पेश की है कि अर्थशास्त्री और पत्रकार विश्लेषण करें कि FDI (यानी Foreign Direct Investment यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के नए सरकारी ऐलानों का क्या असर पड़ेगा...?

काला धन का सबसे बड़ा डॉन - इलेक्टोरल बॉन्ड

काला धन का सबसे बड़ा डॉन - इलेक्टोरल बॉन्ड

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आप पाठकों में से कुछ तो 10वीं पास होंगे ही, इतना तो समझ ही गए होंगे कि यह पारदर्शिता नहीं, उसके नाम पर काला धन पर पर्दा है.

आ गया आर्थिक समाचारों का झटकामार बुलेटिन

आ गया आर्थिक समाचारों का झटकामार बुलेटिन

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शेयर मार्केट में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है. अभी एक साल से कम समय पर बेचने से टैक्स देना होता है. उसके बाद टैक्स फ्री माल हो जाता है. सरकार विचार कर रही है कि अब शेयर खरीदने के तीन साल के भीतर बेचने पर टैक्स लिया जाए ताकि आपको ज्यादा से ज्यादा टैक्स देने का मौका मिले. अभी तक सरकार एक साल के भीतर बेचने पर ही टैक्स लेकर आपको टैक्स देने के गौरव से वंचित कर रही थी.

स्टेट बैंक ने आपकी गरीबी पर जुर्माना वसूला 1,771 करोड़

स्टेट बैंक ने आपकी गरीबी पर जुर्माना वसूला 1,771 करोड़

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जब आप पैसे बैंक में रखते हैं, तो कहा जाता है कि कम रखा है, अब जुर्माना भरो. ज़्यादा रखेंगे तो ब्याज़ कम दिया जाएगा. आप देखिए कि आप अपनी आर्थिक स्वतंत्रता गंवा रहे हैं या पा रहे हैं...? क्या ग़रीब होने का जुर्माना लगेगा अब इस देश में...?

जमकर हो रही है कर चोरी, जीएसटी के बाद भी, राज्यों का राजस्व घटा

जमकर हो रही है कर चोरी, जीएसटी के बाद भी, राज्यों का राजस्व घटा

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क्या जीएसटी के कारण राज्यों का औसत राजस्व घटा है? दावा था कि राज्यों का राजस्व बढ़ेगा. बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि ज़्यादातर व्यापारी 20 लाख से कम टर्नओवर वाले हो गए. इसके लिए सुशील मोदी ने suppression of turnovers शब्द का इस्तेमाल किया है.

बजट पर बोले सीएम केजरीवाल, मोदी सरकार ने सौतेला व्यवहार किया, उम्मीद के बदले निराशा हाथ लगी

बजट पर बोले सीएम केजरीवाल, मोदी सरकार ने सौतेला व्यवहार किया, उम्मीद के बदले निराशा हाथ लगी

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मोदी सरकार के आखिरी पूर्णकालिक आम बजट को लेकर निराशा जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए कि केंद्र दिल्ली के साथ ‘सौतेला व्यवहार जारी रखे हुए है.’ केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण ढांचागत विकास के लिए कुछ वित्तीय सहायता की उन्हें उम्मीद थी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय करों और शुल्कों में दिल्ली की हिस्सेदारी नहीं बढ़ाने पर नाखुशी जताई और कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों को ‘दोयम दर्जे का नागरिक’ समझती है.

क्या वित्त मंत्री ने लागत मूल्य पर किसानों से झूठ बोला?

क्या वित्त मंत्री ने लागत मूल्य पर किसानों से झूठ बोला?

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2018-19 के लिए एक क्विंटल गेहूं का भाव तय हुआ है 1735 रुपये. गेहूं की उत्पादन लागत है 1256 रुपये और आर्थिक लागत है 2345 रुपये. दोनों भाव के अनुसार 1735 रुपया कहीं से भी लागत का डेढ़ गुना नहीं होता है. अगर डेढ़ गुना होता तो उत्पादन लागत के अनुसार एक क्विंटल गेहू का भाव होता 1884 रुपया और आर्थिक लागत के अनुसार भाव होता 3517 रुपये.

नौकरी पर नई रिपोर्ट : 2017 के साल में 55 लाख नौकरियां मिलीं?

नौकरी पर नई रिपोर्ट : 2017 के साल में 55 लाख नौकरियां मिलीं?

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भारत में रोज़गार की संख्या की गिनती के लिए कोई मुकम्मल और पारदर्शी व्यवस्था नहीं है. आईआईएम बंगलौर के प्रोफेसर पुलक घोष और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सौम्य कांति घोष ने एक रिसर्च पेपर पेश किया है. उम्मीद है इस पर बहस होगी और नए तथ्य पेश किए जाएंगे. जब तक ऐसा नहीं होता, आप सभी को यह रिपोर्ट पढ़नी चाहिए. जब पे-रोल देख ही रहे थे तो प्रोफेसर साहब यह भी देख लेते कि कितनी नौकरियां गईं और जिन्हें मिली हैं उनमें महिलाएं कितनी हैं.

एक करोड़ नौकरियों का वादा कहां गया? रवीश कुमार के साथ प्राइम टाइम 

एक करोड़ नौकरियों का वादा कहां गया? रवीश कुमार के साथ प्राइम टाइम 

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जब गांव-शहर और घर-बाहर हर जगह नौकरी की बात होती रहती है तो फिर मीडिया में नौकरी की बात क्यों नहीं होती है. विपक्ष में रहते हुए नेता बेरोज़गारी का मुद्दा उठाते हैं मगर सरकार में आकर रोज़गार के बारे में बताते ही नहीं है. यह बात हर दल और हर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री पर लागू होती है.

 
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