पब्लिक सेक्टर बैंकों के हालात अच्छे नहीं, गुड गवर्नेंस हमारा मकसद: अरुण जेटली

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पब्लिक सेक्टर बैंको के रीकैपिटलाइजेश के मामले में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

पब्लिक सेक्टर बैंकों के हालात अच्छे नहीं, गुड गवर्नेंस हमारा मकसद: अरुण जेटली

वित्तमंत्री अरुण जेटली ( फाइल फोटो)

खास बातें

  • अरुण जेटली ने कहा कि बैंकों में गुड गवर्नेंस हमारा मकसद
  • पब्लिक सेक्टर बैंकों को बजट में राहत मिलने की उम्मीद
  • उन्होंने कहा कि एनपीए के कारण पब्लिक सेक्टर बैंकों की हालत खराब है
नई दिल्ली:

सरकारी बैंकों में जमा आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है और भारत सरकार सभी 21 सरकारी बैंक की वित्तीय हालत को और मज़बूत करने के लिए बड़े स्तर पर पहल कर रही है. संसद में आम बजट पेश करने के ठीक एक हफ्ते पहले वित्त मंत्री अरूण जेटली ने ये भरोसा दिलाया. एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से ठीक पहले वित्त मंत्री अरूण जेटली अपनी टीम के साथ मीडिया ब्रीफिंग करने पहुंचे. लोगों को भरोसा दिलाया कि 21 सरकारी बैंकों में उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है.सरकार इसी साल बैंकों को 88,000 करोड़ से ऊपर की रकम मुहैया कराने का रास्ता बना रही है. 

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, सभी सरकारी बैंकों की वित्तीय हालत मज़बूत करने के लिए कैपिटल इन्फ्यूज़न किया जाएगा. वित्त मंत्रालय में डिपार्टमेन्ट ऑफ फाइनेन्शियल सर्विसेज़ के सचिव राजीव कुमार ने कहा, बैंकों की हालत तब ठीक है, जब बैंकों को सरकार रेग्यूलेटरी कैपिटल से सपोर्ट कर रही है. उन्होंने कहा डिपोज़ीटर्स के सिक्योरिटी पर कोई रिस्क आने का सवाल ही नहीं है. डिपोज़िटर्स का जो भी पैसा बैंकों में है वो 100% सुरक्षित है.

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उन्होंने कहा, ‘बैंकों का 8 लाख करोड़ का जो डूबा हुआ क़र्ज़ा है वो उनकी बड़ी फ़िक्र है. सरकार की कोशिश अब बैंकिंग को आसान बनाने और क़र्ज़ वसूली सख़्त करने की है. डूबे क़र्ज़ की वसूली के लिए अलग से टीम बनेगी. 250 करोड़ से ऊपर की निगरानी के लिए एजेंसियों से तालमेल किया जाएगा. क़र्ज़ देने के बाद ये देखा जाएगा कि वो इसका इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं. बैंक जाने की ज़रूरत घटाने की कोशिश है. कोशिश ये है कि ज़्यादा काम घर बैठे हो जाए.’

VIDEO:  आम बजट 2018-19 में मिलेगी मध्यम वर्ग को राहत...?  बजट से पहले वित्त मंत्री के भाषण में दरअसल बैंकिंग के बहुत सारे अंदेशे दूर करने की कोशिश दिखती है. जाहिर है, सरकार की कोशिश आम लोगों की शंका को दूर करने की है. अब सबकी नजर एक फरवरी पर है जब वित्त मंत्री अरूण जेटली लोक सभा में बजट पेश करेंगे


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