Budget 2018 : किसानों की बदहाली दूर करने और ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढांचे में सुधार पर रहेगा जोर

सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस बजट में किसानों की बदहाली और ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढ़ांचा में सुधार के अलावा रोज़गार के नए अवसर पैदा करने पर जोर रहेगा.

Budget 2018 : किसानों की बदहाली दूर करने और ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढांचे में सुधार पर रहेगा जोर

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

इस साल के बजट में ग्रामीण भारत में किसानों की बदहाली दूर करने के लिए वित्त मंत्री विशेष कदमों का एलान कर सकते हैं. मनरेगा जैसी ग्रामीण विकास की योजनाओं के लिए फंड्स में बढ़ोत्तरी का एलान भी संभव है. यूपी के बाराबंकी ज़िले के आलू किसान परेशान हैं. आलू की फसल उगाने के लिए लागत बढ़ती जा रही है, लेकिन कमाई घटती जा रही है. ऊपर से मंडियों में सही कीमत नहीं मिलने से गुजारा मुश्किल हो रहा है. इस बार के बजट में वित्तमंत्री से वे भी राहत चाहते हैं.

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वह चाहते हैं कि आलू किसानों को उनके उत्पाद का सही कीमत मिलना चाहिये. आलू की खेती में मुनाफा मिले बजट के ज़रिये तो अच्छा होगा. उनकी शिकायत है कि फिलहाल वो जितना पैसा आलू उगाने पर खर्च करते हैं उतना पैसा भी नहीं मिल पा रहा है. आलू किसानों के विरोध की हालत यह है कि आरएलडी नेता जयंत चौधरी जब मिलने पहुंचे तो उनका स्वागत आलुओं की माला से किया.

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सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस बजट में किसानों की बदहाली और ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढ़ांचा में सुधार के अलावा
रोज़गार के नए अवसर पैदा करने पर जोर रहेगा. सरकार 2018-19 में देश के सारे गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य पूरा करना चाहती है. फिलहाल ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 82 फीसदी गांवों को सड़कों से जोड़ा जा चुका है और 2019 तक देश के सारे गांवों को सड़कों से जोड़ने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसके लिए बजट में अलग से फंड दिए जा सकते हैं.

मनरेगा के तहत 2 लाख 36 हज़ार किमी पक्की सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जो 2017-18 के 2 लाख 12 हज़ार किलोमीटर से 10% ज़्यादा है. यानी बजट में मनरेगा के लिए अलग से फंड आवंटित किया जा सकता है. उद्योग जगत चाहता है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ग्रामीण भारत में निजी निवेश के नए रास्ते खोलने के लिए प्रोत्साहन राशि का एलान करें जिससे ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़े. 

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एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल, डीएस रावत ने एनडीटीवी से कहा, 'ग्रामीण इलाकों में किसानों के उत्पादों की सुरक्षा के लिए नए कोल्ड चेन्स और warehouses बनाने के लिए वित्त मंत्री को उद्योग जगत के लिए प्रोत्साहन राशि काका एलान करना चाहिए. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्ता में निवेश बढ़ेगा, माहौल बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. ऐसे में किसानों और ग्रामीण भारत की नजर इस बार वित्त मंत्री के एलान पर होगी. 


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