बजट में 'स्टडी इन इंडिया का' ज़िक्र, लेकिन 2018 में ही लॉन्च हो चुकी है ये योजना!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आम बजट पेश किया. उन्होंने भारत में विदेशी छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर 'स्टडी इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की बात कही है.

बजट में 'स्टडी इन इंडिया का' ज़िक्र, लेकिन 2018 में ही लॉन्च हो चुकी है ये योजना!

18 अप्रैल 2018 को सुषमा स्वराज ने वेबसाइट लॉन्च की थी, इसका नाम है Study in India Portal.

नई दिल्ली :

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आम बजट पेश किया. उन्होंने भारत में विदेशी छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर 'स्टडी इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की बात कही है. हालांकि 18 अप्रैल 2018 को सुषमा स्वराज ने एक वेबसाइट लॉन्च की थी. इस वेबसाइट का नाम है Study in India Portal. पीआईबी की साइट पर एक प्रेस रिलीज भी मौजूद है. यह योजना मानव संसाधन मंत्रालय की है. इसे सुषमा स्वराज और पूर्व मंत्री सत्यपाल सिंह ने लॉन्च किया था. उस दौरान 160 संस्थाओं की 15,000 सीट विदेशी छात्रों के लिए रखे जाने की बात कही गई थी. इंडिया हैबिटैट सेंटर में यह कार्यक्रम हुआ था.  

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ऐसे में सवाल उठता है कि जो कार्यक्रम एक साल पहले शुरू हो चुका है उसे इस बार के बजट में नया कार्यक्रम बताकर शुरू करने की बात क्यों की गई. क्या ये कार्यक्रम उस कार्यक्रम से अलग है. उस कार्यक्रम में तब के मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का वीडियो संदेश भी जारी हुआ था. पिछले बजट में वर्ल्ड क्लास इंस्टीट्यूशन बनाने के लिए 250 करोड़ का प्रावधान था मगर असल में दिया गया 128 करोड़. इस बार कहा गया है कि 400 करोड़ दिए जाएंगे. इसे इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस कहा गया था मगर यह शब्द ही नहीं है.

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गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट (Budget 2019) में मध्यम वर्ग, युवाओं, महिलाओं समेत सभी वर्गों के लिये विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव किया है. इस बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव तो है ही, बजट (Budget 2019) में बुनियादी आर्थिक और सामाजिक ढांच के विस्तार, पेंशन और वीमा योजाओं को आम लोगों की पहुंच के दायरे में ले जाने के विभिन्न प्रस्ताव किए गए है.