रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी गुरुवार को 2जी स्पेक्ट्रम मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर पेश हुए और कहा कि उन्हें आरएडीएजी की सहयोगी कंपनी कहे जाने वाली एक कंपनी की विभिन्न बोर्ड बैठकें 'याद' नहीं, क्योंकि उसके विवरण (मिनट्स ऑफ द मीटिंग) उन्होंने 'तैयार नहीं' किए थे।
सीबीआई के गवाह के तौर पर पेशी से बचने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से कोई भी राहत नहीं मिलने के बाद अंबानी पहली बार गवाह के तौर पेश हुए। विशेष लोक अभियोजक यूयू ललित ने कंपनी की वर्ष 2005-06 की बैठकों का विवरण दिखाया, तो अंबानी ने कहा कि उन्हें एएए कंसल्टेंसी सर्विसेज (प्राइवेट) लिमिटेड की प्रत्येक बैठक याद नहीं।
उन्होंने विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा, मैं काफी संख्या में बैठकों में शामिल होता हूं और मुझे याद नहीं। मैं रिकार्ड के अनुसार ही आगे बढ़ रहा हूं। इस पर जज ने अंबानी से कहा कि यद्यपि उन्हें इन बैठकों के बारे में याद नहीं, जिसमें वह मौजूद थे, लेकिन रिकार्ड झूठे नहीं हो सकते।
जज ने अंबानी से पूछा, लेकिन आप झूठे रिकार्ड तो नहीं बनाते होंगे। आपके रिकार्ड तो सही होंगे। अंबानी ने जज के सवाल के जवाब में कहा, रिकार्ड सही होने चाहिए। अंबानी ने कहा, महोदय मैं कुछ स्वीकार करना चाहता हूं... पहला यह कि अभी मुझे कुछ याद नहीं। दूसरा यह कि विवरण मैंने तैयार नहीं किया था, यह लिपिकीय कर्मचारियों द्वारा तैयार किया जाता है। मुझे याद नहीं है और मैं बैठक का विवरण तैयार नहीं करता।
गवाही दर्ज होना शुरू होते ही ललित ने अंबानी से वर्ष 2005 से एएए कंसल्टेंसी सर्विसेज (प्राइवेट) लिमिटेड की आयोजित हुई बोर्ड बैठकों के बारे में पूछा। सीबीआई की एक याचिका पर रिलायंस एडीएजी अध्यक्ष अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को मामले में गवाह के रूप में पेश होने के लिए समन जारी किया गया था। सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी गवाही से उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में कथित रूप से 990 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर प्रकाश डाला जा सकता है।
अदालत ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें 2जी मामले में अतिरिक्त गवाहों - अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी से जिरह को स्थगित करने का आग्रह किया गया था। अदालत ने कहा था कि आरोपियों की पेशी से उनमें से किसी को कोई हानि नहीं पहुंचेगी।
रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली थी, जिसने 2जी मामले में अनिल अंबानी और अन्य को गवाह के रूप में तलब किए जाने के निचली अदालत के निर्देश पर स्थगन लगाने से इनकार कर दिया था। (आरटीएल) ने 17 अगस्त को सीबीआई अदालत से आग्रह किया था कि उसे उसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के नतीजे का 'इंतजार' करना चाहिए। याचिका में अनिल और टीना अंबानी सहित अतिरिक्त गवाहों को तलब किए जाने को चुनौती दी गई थी।
निचली अदालत ने 19 जुलाई के अपने आदेश में कहा था कि अनिल, टीना और 11 अन्य आरोपियों को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाया जाना आवश्यक है, ताकि मामले में उचित फैसले पर पहुंचा जा सके। अदालत ने अनिल को मामले में बयान दर्ज कराने के लिए 22 अगस्त को तलब किया था। टीना को गवाह के रूप में 23 अगस्त को बुलाया गया है।