2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल बीजेपी सदस्यों ने गुरुवार को बैठक का बहिष्कार किया। प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री को बतौर गवाह बुलाए जाने की मांग को पूरा नहीं किए जाने के कारण बीजेपी सदस्यों ने यह कदम उठाया।
जेपीसी में शामिल बीजेपी के छह सदस्यों- यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह, गोपीनाथ मुंडे, हरिन पाठक, रवि शंकर प्रसाद और धर्मेंद्र प्रधान बैठक में शामिल नहीं हुए। पिछली बैठक में भी उन्होंने वॉकआउट किया था। सिन्हा ने बीजेपी सदस्यों की ओर से समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को कड़े शब्दों में भेजे पत्र में अपनी पार्टी के विरोध का इजहार किया है।
पार्टी का आरोप है कि चाको अलोकतांत्रिक ढंग से पेश आ रहे हैं। पत्र में कहा गया है कि जुलाई की बैठक में बीजेपी ने मांग की थी कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्तमंत्री पी चिदंबरम को समिति के समक्ष बुलाया जाए। इस बैठक में भी हमने यही मांग दोहराई, ताकि सही निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। इसीलिए समिति की ओर से प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री के बयान दर्ज करने की बात कही गई। निर्णय लेने की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका के चलते समिति के समक्ष उनका उपस्थित होना जरूरी है। पत्र में यह भी कहा गया कि कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब केवल यही दोनों दे सकते हैं।