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विदेशी कंपनियां चुरा सकती हैं आधार से जुड़ा डाटा? इस पर UIDAI ने दी यह सफाई

यूआईडीएआई ने विदेशी कंपनियों द्वारा संवेदनशील आंकड़े चुराने के आरोपों को खारिज कर दिया है.
NDTV Profit हिंदीBhasha
NDTV Profit हिंदी08:07 AM IST, 31 Aug 2017NDTV Profit हिंदी
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क्या विदेशी कंपनियां आधार से जुड़ा भारतीयों का डाटा चुरा कर मिसयूज कर सकती हैं? हमारा और आपका आधार संबंधी डाटा कितना सुरक्षित है? भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने विदेशी कंपनियों द्वारा संवेदनशील आंकड़े चुराने के आरोपों को खारिज कर दिया है. उसने कहा कि आधार से जुड़ी कोई भी सूचना उसके अपने डाटा केंद्रों के बाहर भंडारित या प्रसंस्कृत नहीं की गयी और सूचनाओं को हमेशा उसके पूरी तरह सुरक्षित सर्वरों पर रखा गया.

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यूआईडीएआई ने जारी बयान में कहा, ‘आधार के आंकड़े पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया गया है. यूआईडीएआई के डाटा केंद्र काफी महत्वपूर्ण ढांचागत संरचना हैं और उन्हें सुरक्षा के सर्वाच्च मानक से आश्वस्त होकर अत्याधुनिक तकनीक से संरक्षित किया गया है.’

प्राधिकरण ने कहा कि इस तरह के डाटा तक पहुंच सिर्फ बायोमीट्रीक सॉफ्टवेयर समाधान दाताओं की है और उन्हें भी प्रसंस्करण के लिए ये डाटा यूआईडीएआई के सुरक्षित डाटा केंद्रों में ही उपलब्ध कराये जाते हैं. उसने आगे कहा कि आधार डाटा को सिर्फ यूआईडीएआई के सर्वरों पर ही रखा या प्रसंस्कृत किया जाता है और लैपटॉप या पेनड्राइव समेत इंटरनेट एवं किसी भी अन्य माध्यम से बाहरी दुनिया से उनका कोई संबंध नहीं है.

प्राधिकरण ने दावा किया कि ये डाटा केंद्र भौतिक तौर पूरी तरह सुरक्षित हैं. उसने कहा कि इन डाटा केंद्रों में इस्तेमाल होने वाले हार्डवेयरों का भी इस्तेमाल से पहले दो बार जांच की जाती है. उसने कहा कि सभी सेवा प्रदाता अनुबंध के तहत गोपनीयता की शर्तों से बंधे होते हैं और इसका उल्लंघन करने पर उन्हें तीन साल तक की कैद हो सकती है.

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प्राधिकरण का यह बयान ऐसे समय आया है जब सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जरिये आधार का अनुबंध विदेशी कंपनियों को दिये जाने से उनकी पहुंच फिंगरप्रिंट और पुतली के निशान जैसी व्यक्तिगत सूचनाओं तक होने की रिपोर्टें सामने आयी हैं. पिछले सप्ताह विकीलीक्स ने भी इस बात के संकेत दिये थे कि सीआईए कथित तौर पर आधार डाटा को हाथ लगा चुकी है.

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