दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की तरह हरियाणा सरकार ने गुरुवार में राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने की घोषणा की। राज्य की कांग्रेस सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 500 यूनिट तक की खपत पर की गई दरों में बढ़ोतरी को वापस ले लिया है, वहीं चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए बिजली दरों में 60 फीसद की कटौती की गई है।
इस फैसले से राज्य सरकार पर 600 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ेगा। इससे 38 लाख घरेलू ग्राहकों को लाभ होगा। ये कुल उपभोक्ताओं का 95 प्रतिशत हैं। वहीं 5.50 लाख कृषि उपभोक्ता भी इस फैसले से लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बयान में कहा, 'सरकार ने 500 यूनिट तक मासिक की खपत करने वाले ग्राहकों के लिए अप्रैल, 2013 से की गई बिजली दरों में 13 फीसद की बढ़ोतरी को वापस ले लिया है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2013-14 के लिए ईंधन अधिभार समायोजन भी वही रहेगा।'
हरियाणा में घरेलू बिजली क्षेत्र के लिए दरें 1 अप्रैल, 2013 से 250 यूनिट तक की खपत के लिए 5.24 रुपये प्रति यूनिट, 250 से 500 यूनिट तक के लिए 5.94 रुपये प्रति यूनिट व 500 यूनिट से अधिक के लिए 6.32 रुपये प्रति यूनिट हैं।
किसानों को राहत देते हुए हुए हुड्डा ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 60 फीसद की कटौती की गई है। 'अब कृषि उपभोक्ताओं 10 पैसे प्रति यूनिट या 15 प्रति बीएचपी प्रति माह का भुगतान करना होगा। अभी कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर 25 पैसे प्रति यूनिट है।'
हरियाणा सरकार पहले ही 2014-15 में बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला कर चुकी है।