एयर इंडिया के विनिवेश के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने पीछे हटते हुए कहा कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है।
अजित सिंह ने एनडीटीवी से कहा ‘इस सरकार की एयर इंडिया के विनिवेश की कोई मंशा नहीं है। सरकार के एयर इंडिया के 32,000 करोड़ रुपये के पैकेज के बाद सरकार विमानन कंपनी को और धन नहीं देगी। एयर इंडिया को अपना बचाव खुद करना होगा।’
अजित सिंह ने कहा कि सरकार के लिए किसी भी सेवा उद्योग को चलाना काफी मुश्किल काम है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के कर्मचारियों और प्रबंधन को यह समझना होगा कि नागर विमानन उद्योग एक अति प्रतिस्पर्धी क्षेत्र है।
नागर विमानन मंत्री के रुख में यह बदलाव विपक्ष के दबाव के बाद आया है। विपक्षी दलों ने एयर इंडिया के विनिवेश के बारे में मंत्री की टिप्पणी को गंभीरता से लिया। उन्होंने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि सरकार नागर विमानन क्षेत्र के लिए उचित नीति लाए बिना ही सार्वजनिक संपत्ति को नहीं बेच सकती।
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेता रवि शंकर प्रसाद ने विमानन मंत्री को बिना सोचे समझे टिप्पणी करने के लिए आगाह करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर ठीक ढंग से विचार-विमर्श की आवश्यकता है।
एयर इंडिया के बारे में सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा ‘यह काफी गंभीर मुद्दा है। इस बारे में सरकार के भीतर उपयुक्त विचार-विमर्श होना चाहिए और उसके बाद विपक्ष के विचार भी लिए जाने चाहिए।’