भारत के नियंत्रण एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने शुक्रवार को कहा कि एयर इंडिया को पिछले वित्त वर्ष में परिचालन मुनाफे के बजाय वास्तव में 321.4 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा हुआ. एयरलाइन ने इससे पहले वर्ष के दौरान परिचालन मुनाफा होने की जानकारी दी थी. कैग ने हालांकि, यह स्पष्ट किया कि इसमें आंकड़ों का कोई हेरफेर नहीं हुआ है बल्कि एयरलाइन ने जो आंकड़े रिपोर्ट किये हैं वह वास्तव में ‘घाटे को कम करके बताया गया है.’
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एयर इंडिया ने वर्ष 2015-16 में 105 करोड़ रुपये का परिचालन मुनाफा दिखाया था और कहा था कि एक दशक से भी अधिक समय में कंपनी का यह पहला परिचालन लाभ है. डिप्टी कैग प्रदीप राव ने कहा, ‘वर्ष 2015-16 में एयर इंडिया ने करीब 105 करोड़ रुपये का परिचालन मुनाफा दिखाया है जबकि वास्तव में कंपनी को 321.4 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा हुआ था.’ कंपनी के सांविधिक लेखापरीक्षक और उसके बाद कैग की जांच में कहा गया है, ‘हमने देखा कि उन्होंने वह प्रावधान नहीं किये जो कि उन्हें मानक लेखा प्रक्रिया के तहत किया जाना चाहिये था.’
एयर इंडिया की 2010-11 से 2015-16 की अवधि में वित्तीय पुनर्गठन योजना (एफआरपी) पर कैग की प्रदर्शन रिपोर्ट को संसद में पेश करने के बाद राव ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह जानकारी दी. कैग के महानिदेशक वी.के. कुरियन ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में वास्तव में एयर इंडिया ने घाटे को कम करके दिखाया है. ‘‘हमने एयर इंडिया के वित्त वर्ष 2015-16 के एकल वित्तीय लेखे जोखे का ऑडिट अलग से किया है जिसमें 105 करोड़ रुपये का (परिचालन मुनाफा है) वास्तव में सही तस्वीर पेश नहीं करता है...’
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