सुप्रीम कोर्ट ने 3जी रोमिंग केस में भारती एयरटेल को उन सात सर्किलों में 3जी सेवाएं जारी रखने की इजाजत दे दी है, जिनमें उनके पास लाइसेंस नहीं है, लेकिन साथ ही कंपनी पर इन सर्किलों में नए ग्राहक बनाने पर रोक लगा दी है।
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कंपनी के इन सात सर्किलों में 3जी रोमिंग सेवाएं प्रदान करने संबंधी समझौतों पर लगाई गई रोक के खिलाफ दायर एयरटेल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब अगली सुनवाई 9 मई को करेगी।
उल्लेखनीय है कि 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भारती एयरटेल के खिलाफ किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से रोक दिया था और संबंधित पक्षों से 11 अप्रैल को होने वाले मामले की अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा था।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर तथा न्यायाधीश विक्रमजीत सेन की पीठ ने कहा था, मामले की सुनवाई 11 अप्रैल को होने दीजिए। तब तक संबंधित पक्षों को मामले में यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया जाता है... इस बीच दूरसंचार विभाग कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र के उस निर्णय पर अपनी सहमति जताई थी, जिसमें दूरसंचार कंपनी के 3जी रोमिंग समझौते को अवैध करार दिया गया है। उच्च न्यायालय ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड की याचिका पर यह आदेश दिया था। याचिका में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि उसे 3जी के लिए दैनिक आधार पर भारी नुकसान हो रहा है और भारती उसका मुफ्त में उपयोग कर रही है।
दूरसंचार विभाग ने 15 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर भारती एयरटेल को सर्किलों में जहां उसके पास स्पेक्ट्रम नहीं है, में 3जी अंतर सर्किल रोमिंग सुविधा देने से रोक दिया था। इसके अलावा भारती एयरटेल पर लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन करते हुए प्रति सर्किल 50 करोड़ रुपये के हिसाब से 350 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा दिया था।
(इनपुट भाषा से भी)