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शेयर बाजारों को बढ़ती चुनौती के बीच घरेलू तरलता का सहारा : रिपोर्ट

भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का शुरुआती दौर चल रहा है लेकिन उसके शेयर बाजारों के समक्ष आने वाले समय में बड़ी चुनौतियां खड़ी हैं ऐसे में शेयर मूल्यों में गिरावट का एक और दौर चल सकता है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू तरलता से बाजार उच्चस्तर पर टिका हुआ है. घरेलू म्युचुअल फंड एसआईपी प्रवाह से भी बाजार को समर्थन मिल रहा है.
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NDTV Profit हिंदी08:38 AM IST, 21 May 2018NDTV Profit हिंदी
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भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का शुरुआती दौर चल रहा है लेकिन उसके शेयर बाजारों के समक्ष आने वाले समय में बड़ी चुनौतियां खड़ी हैं ऐसे में शेयर मूल्यों में गिरावट का एक और दौर चल सकता है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू तरलता से बाजार उच्चस्तर पर टिका हुआ है. घरेलू म्युचुअल फंड एसआईपी प्रवाह से भी बाजार को समर्थन मिल रहा है. 

एडेलवेइस इनवेस्टमेंट रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले चुनावों , बांड प्रतिफल ऊंचा होने , बाजार में मुद्रा की कमजोरी और चालू खाते की बिगड़ती स्थिति से भारतीय बाजारों के समक्ष समस्या खड़ी हो सकती है. 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अल्पकाल में और जैसे जैसे वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तरफ हम बढ़ेंगे निफ्टी 10,000 अंक के आसपास रहेगा.’’ इसमें कहा गया है कि बाजार में सतर्कता के संकेत होंगे. ‘‘हमारा अनुमान है कि निफ्टी में बिकवाली का एक और दौर चल सकता है और यह मार्च 2018 के निचले स्तर की तरफ जा सकता है.’’ 

इस साल 23 मार्च को 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक 10.16 प्रतिशत गिरकर 32,596.54 अंक रह गया था. इससे पहले 29 जनवरी को यह 36,283.25 अंक पर था. 

रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि घरेलू तरलता के चलते बाजार ऊंचे स्तर पर टिका हुआ है. घरेलू म्युचुअल फंड एसआईपी प्रवाह अब हर महीने एक अरब डालर तक पहुंच गया है. यह काफी बड़ी राशि है और बाजार को समर्थन देने वाली है. इससे उतार चढ़ाव को थामने में मदद मिलती है. 

रिपोर्ट के मुताबिक निफ्टी में शामिल कंपनियों के परिणाम उम्मीद के अनुरूप रहे हैं. हालांकि बड़ी कंपनियों का इसमें अधिक योगदान रहा है. निफ्टी की 26 कंपनियों में जिनके परिणाम आये हैं , उनका शुद्ध लाभ 15 प्रतिशत बढ़ा है. इसमें टीसीएस , रिलायंस , एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी का योगदान ही अधिक रहा है.
 

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