घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों बड़े डिफॉल्टरों की देनदारी फरवरी में बढ़कर 14,904.65 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि पिछले महीने से 2.1 प्रतिशत अधिक है. बैंक के आंकड़ों से इसकी जानकारी हुई. जनवरी में इन डिफॉल्टरों की देनदारी 14,593.16 करोड़ रुपये थी. इनमें वे चूककर्ता शामिल है, जिन्होंने 25 लाख रुपये या उससे अधिक का कर्ज लिया है.
पीएनबी ने पिछले साल जून से ऐसे डिफॉल्टरों के नाम और उन पर बकाये कर्ज की सूची बनानी शुरू की है. पहले नौ महीनों में इनका बकाया जून 2017 के 11,879.74 करोड़ रुपये से 25 प्रतिशत बढ़ा है.
बड़े कर्ज चूककर्ताओं में रसायन विनिर्माता कंपनी कुडोस केमी लिमिटेड (1,301.82 करोड़ रुपये ); किंगफिशर एयरलाइंस (597.44 करोड़ रुपये ), जैस इंफ्रास्ट्रक्चर एंड पावर लिमिटेड (410.96 करोड़ रुपये ), वीएमसी सिस्टम्स लिमिटेड (296.08 करोड़ रुपये से अधिक ) और अरविंद रेमेडीज (158.16 करोड़ रुपये ) शामिल हैं. इन सभी कंपनियों को पंजाब नेशनल बैंक ने बैंकों के गठजोड़ के रूप में कर्ज दिया है.
इस सूची में शामिल अन्य चूककर्ताओं में विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी (899.70 करोड़ रुपये ), जूम डेवलपर्स (410.18 करोड़ रुपये , एपल इंडस्ट्रीज (248.34 करोड़ रुपये ), नाफेड (224.24 करोड़ रुपये ) और एस कुमार नेशनलवाइड 146.82 करोड़ रुपये शामिल हैं.